कोविड-19 वायरस के साथ छेड़छाड़ या फिर इसे बनाया नहीं गया : डब्ल्यूएचओ

इसमें किसी तरह की कोई हेराफेरी नहीं और न ही यह निर्मित वायरस

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जिनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि वर्तमान तक के सभी उपलब्ध साक्ष्यों से पता चलता है कि कोरोनावायरस प्राकृतिक है और इसमें किसी तरह की कोई हेराफेरी नहीं है और न ही यह निर्मित वायरस है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ग्लोबल हेल्थ वॉच डॉग के हवाले से कहा, “WHO के कई शोधकर्ता सार्स-सीओवी-2 की जीनोमिक विशेषताओं को देखने में सक्षम रहे हैं और WHO ने पाया है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि यह एक प्रयोगशाला निर्मित वायरस है।”

जीनोमिक सीक्वेंस ज्ञात तत्वों का मिश्रण दिखाता है

WHO ने जोर देकर कहा कि अगर यह एक निर्मित वायरस होता तो इसका जीनोमिक सीक्वेंस ज्ञात तत्वों का मिश्रण दिखाता लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

WHO ने कहा कि वायरस की पहचान जनवरी की शुरुआत में हुई और 11-12 जनवरी को सार्वजनिक रूप से इसके जेनेटिक सीक्वेंस को साझा किया गया था।

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एक लाख 90 हजार की अब तक मौत

गौतरलब है कि विश्व में शुक्रवार सुबह तक कोविड-19 संक्रमण के चलते मरने वालों का आंकड़ा एक लाख 90 हजार 788 था। जबकि पूरी दुनिया में 27 लाख 8 हजार 479 लोग महामारी की चपेट में आ चुके हैं।
वैज्ञानिकों के पास पुख्ता सबूत, प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ वायरस

अमेरिका का चीन पर आरोप

दूसरी ओर अमेरिका का चीन पर आरोप है कि कोरोना वायरस चीन स्थित वुहान की लैब में तैयार किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी लगातार यह आरोप लगा रहे हैं। लेकिन इसके उलट अमेरिका के वैज्ञानिक जोर देकर कह रहे हैं कि यह वायरस प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ। इसके लिए वे अपनी रिसर्च का हवाला भी दे रहे हैं। स्टैनफोर्ड मेडिकल स्कूल में संक्रामक रोगों के प्रोफेसर डॉ.रॉबर्ट शेफर ने एबीसी न्यूज को बताया कि यह मानने का कोई कारण नहीं है कि यह वायरस प्रयोगशाला में तैयार किया गया हो। वह कहते हैं कि प्रकृति में कई तरह की चीजें मौजूद होती हैं जो इस प्रकार की महामारी का कारण बन सकती हैं।

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प्रमाण नहीं कि जैविक हथियार के तौर पर बनाया गया

इसके साथ ही डॉ. रॉबर्ट गैरी जो कि ट्यूलन स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर हैं, वह भी अमेरिका सरकार के दावों को खारिज कर रहे हैं। वे कहते हैं कि ऐसा कोई प्रमाण या संकेत नहीं है कि कोविड-19 जैविक हथियार के तौर पर बनाया गया हो। वह कहते हैं कि एक विशेष तरह का म्यूटेशन इस वायरस को इतना खतरनाक व घातक बना रहा है।

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