डब्ल्यूएचओ (WHO) पर अमेरिका दबाव डाल रहा है कि; वायरस की उत्पत्ति समझने के लिए वो दूसरे चरण के अध्ययन को आगे बढ़ाए. अमेरिका ने चीन पर उसके देश से जुड़े कोविड महामारी संबंधी कारक तथ्यों को पेश करने का दबाव बनाए रखने की बात फिर दोहराई है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ /WHO) यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी अमेरिका इस बात का दबाव बना रहा है कि वो चीन पर कोविड संबंधी रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिए जोर डाले.
चीन को रखना होगी पारदर्शिता
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने चीन पर कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में पूरी पारदर्शिता रखते हुए जानकारी देने हेतु अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर दबाव जारी रखने की मंशा जताई है. अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र सुलिवन ने कहा कि; इस समन्वित प्रयास के साथ ही अमेरिका अपने निजी स्तर पर भी समीक्षा एवं प्रक्रिया को जारी रखेगा.
सिर्फ देखते नहीं रहेंगे : NSA
सोमवार को व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में सुलिवन ने कोरोना से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने के मामले में चीन के रुख पर अमेरिका की नीति स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि;‘‘हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर चीन पर यह दबाव बनाना जारी रखेंगे कि वह स्पष्टता बरते, आंकड़े एवं सूचना देने के लिए तैयार रहे. वह कहता है कि वह इसमें सम्मिलित नहीं होगा तो ऐसा नहीं होगा कि हम उसकी बात मान लें और खड़े रहकर केवल यह देखते रहें.’’
सुलिवन ने कहा कि पदभार ग्रहण के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन का इस सप्ताह पहला विदेश यात्रा का कार्यक्रम है. विदेश के नेताओं से उनकी मुलाकात के दौरान चीन का मुद्दा भी बातचीत का एक विषय होगा.
कोरोना उत्पत्ति संभावना
विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति संबंधी दो संभावनाएं हैं. या तो कोरोना वायरस प्रयोग शाला की उपज है; या फिर कोविड-19 (COVID-19) प्रकृति प्रदत्त है. सवाल के जवाब में ब्लिंकन ने बताया कि, ‘‘जो कुछ हुआ, उसकी तह तक जाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन ने विस्तृत समीक्षा के आदेश दिए हैं.”
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WHO बना फुटबॉल
गौरतलब है; अमेरिका इस बात पर अडिग है कि चीन इन बातों को सार्वजनिक करे कि; कोविड-19 कहां जन्मा, कैसे-कहां पनपा? वहीं इस मुद्दे पर चीन की नुक्ताचीनी के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दोनों देशों के मध्य फुटबॉल बना नजर आ रहा है.
रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन पर यह भी दबाव डाल रहा है कि, वह वायरस की उत्पत्ति को समझने के लिए अपने दूसरे चरण के अध्ययन को आगे बढ़ाए. पूरे मामले से यह स्पष्ट है कि कोविड-19 महामारी के जन्म-मरण की कुंडली खंगालने के लिए जिन जानकारियों की जरूरत होगी, वह चीन दे नहीं रहा है, ऊपर से अमेरिका का दूसरे चरण के अध्ययन का जोर डब्ल्यूएचओ को परेशानी में डाल रहा है.
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