कुल्फी का मतलब आईसक्रीम नहीं होता भईया..क्योंकि कुल्फी कुल्फी है
घंटो तक कढ़ाई में उबला दूध और उसको घोट के जब कुल्फी जमती है तो अच्छे अच्छों के मुहं में पानी आ जाता है। जी हां हम बात कर रहे कुल्फी की। राजधानी लखनऊ में कुल्फी की बात हो और प्रकाश कुल्फी का जिक्र न हो ये तो हो ही नहीं सकता। यूपी दिवस में इन दिनों प्रकाश कुल्फी की बहुत डिमांड थी।
कुल्फी वैसे तो पूरे भारत में बहुत पसंद की जाने वाली स्वीट डिश है यह कॉम्बिनेशन बहुत निराला है आइसक्रीम जैसा ठण्डक और रसमलाई की मिठास । अगर लखनऊ की बात करे तो जहन में प्रकाश की कुल्फी आपके दिमाग को तरो-ताज़ा कर जाती है। लखनऊ में तो वैसे काफी चीज़े फेमस है पर प्रकाश की कुल्फी से तो यहाँ का स्लोगन बना है।
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गर्मी में कुल्फी जहाँ कम्प्लसरी है खाना वही ठण्ड में खाना एक बहाना है। कुल्फी को हम अलग -२ फ्लेवर में खा सकते है – केसर पिस्ता फालूदा कुल्फी। इसके अलावा अगर आप शुगर जैसी बीमारी से परेशान है तो चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि शुगर के रोगियों के लिए बिना शक्कर की कुल्फी भी उपल्ब्ध है।
कब और कैसे हुई प्रकाश कुल्फी की दौर
साल 1956 में प्रकाश कुल्फी की शुरुआत हुई। स्वं. प्रकाश चन्द्र अरोड़ा द्वारा एक छोटे से स्टॉल से शुरु हुआ ये सफर आज एक बड़े बिजनेस के रुप में स्थापित हो चुका है।आज इनकी तीसरी पीढ़ी ने उनके द्वारा शुरु किये स्वाद को लोगो तक पहुंचा रहे हैं। आज प्रकाश कुल्फी की दो शाखाएं हैं एक अमीनाबाद और दूसरी गोमतीनगर में।
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