क्या होगा बांग्लादेश के 1 करोड़ 30 लाख हिंदुओं का भविष्य ?

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मुस्लिम बहुल देशों में हिन्दू हमेशा ही मुस्लिम धर्म के लोगों के निशाने पर रहा है. ऐसे में बांग्लादेश में बिगड़े हालात के बीच वहं रह रहे 1 करोड़ 30 लाख हिंदू मुस्लिम प्रदर्शनकारियों के निशाने पर आ गए हैं. तख्तापलट के बाद वहां हिंदूओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़े हैं जिससे उनका भविष्य खतरे में नजर आ रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि, इस हालात में क्या होगा हिंदुओं का भविष्य ? हालांकि, यह कोई पहला हिंसा नहीं जिसमें हिन्दुओं को निशाना बनाया गया है, बल्कि बांग्लादेश में हिन्दू हमेशा से ही कट्टरपंथियों के निशाने पर रहा है. साथ ही जमात-ए-इस्लामी पार्टी के कई नेताओं पर हिंदुओं को दुर्व्यवहार करने का आरोप है. अब यही पार्टी नई बांग्लादेशी सरकार में शामिल होगी, ऐसे में हिंदू समुदाय का भविष्य बड़ा सवाल है ?

बांग्लादेश में तेजी से घट रही हिन्दू आबादी – एस. जयशंकर 

आज सर्वदलीय बैठक के दौरान बांग्लादेश हिंसा पर बोलते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय की घटती आबादी के आंकड़ों का जिक्र करते हुए चौंका देने वाला खुलासा किया है. इसमें उन्होंने बताया है कि, ”वहां हिंदू अल्परसंख्यंकों को निशाना बनाया जा रहा है. हिंदुओं की आबादी बांग्लाइदेश में लगातार घटती रही है. पूर्वी बंगाल (पूर्वी पाकिस्तान) के लिए 1951 में की गई आधिकारिक जनगणना के अनुसार, यहां कुल आबादी में हिंदू 22 प्रतिशत थे. 1991 में यह आबादी घटकर 15 प्रतिशत रह गई थी. साल 2011 की जनगणना में यह संख्या सिर्फ 8.5 प्रतिशत रह गई. वहीं, मुस्लिम आबादी यहां लगातार बढ़ रही है. 1951 में मुस्लिमों की संख्या् कुल जनसंख्याा का 76 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 91 फीसदी हो गई है. इसके बावजूद हिंदू, बांग्लादेश में सबसे बड़ा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है. ”

धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हो रहा हिन्दू समुदाय

 

 

हिंदुओं पर लंबे समय से बांग्लादेश में अत्याचार का शिकार होता आ रहा है. बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार की ऐसी-ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्हें सुनकर किसी की भी रूह कांप जाना लाजमी है. इसमें मुस्लिम समुदाय द्वारा हिंदू लड़कियों के रेप करने के कई मामले सामने आ चुके हैं. वहीं हिंदू अमेरिकन संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, 1964 से 2013 के बीच एक करोड़ से अधिक हिंदूओं ने धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश छोड़ दिया था. इस रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात यह है कि बांग्लादेश से हर साल दो लाख से अधिक हिंदू भाग जाते हैं. वहीं, 2011 की जनगणना से पता चला कि 2000 से 2010 के बीच 10 लाख हिंदू बांग्लादेश से गायब हो गए हैं. वह कहां गए हैं इसकी किसी को कोई खबर ही नहीं है.

शेख हसीना के शासन में भी सही नहीं थी हिन्दुओं की हालत

5 अगस्त 2024 तक बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की नेतृत्व में ‘ धर्मनिरपेक्ष ‘ अवामी लीग सरकार सत्ता में रही, जो पिछले 15 वर्षों से शासन कर रही है. फिर भी हिंदुओं का धार्मिक शोषण कम नहीं हुआ. अब आप सोच सकते हैं कि मौजूदा हालात में हिंदुओं के साथ होने वाले धार्मिक उत्पीड़न का स्तर कितना बढ़ जाएगा, जब शेख हसीना के बाहर होने और उनकी कट्टरपंथी पार्टियां मिलकर सरकार बनाने जा रही हैं. इसका ट्रेलर भी दिखने लगा है. बांग्लादेश की स्थिति लगातार खराब हो रही है, हिंदू लोग निशाना बनाए जा रहे हैं. हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक केंद्र भी उपद्रवियों के निशाने पर है.

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हिन्दू मंदिरों को बनाया जा रहा निशाना

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सोमवार को हिंसक भीड़ ने एक भारतीय सांस्कृतिक केंद्र को तोड़ दिया और देश भर में चार हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया. समुदाय के नेताओं और प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी. हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद की नेता काजोल देबनाथ ने कहा कि, उन्हें खबर मिली है कि देश भर में कम से कम चार हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है. हिंदू समुदाय के अधिकांश नेता प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति को लेकर चिंतित है.

वहीं चश्मदीद के अनुसार, सोमवार को बांग्लादेश की राजधानी के धानमंडी क्षेत्र में एक हिंसक भीड़ ने इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र (आईजीसीसी) और बंगबंधु स्मारक संग्रहालय को क्षतिग्रस्त कर दिया. ढाका ट्रिब्यून ने बताया कि, सोमवार दोपहर प्रदर्शनकारियों ने धानमंडी 32 में बंगबंधु भवन (अब बंगबंधु स्मारक संग्रहालय) पर आगजनी की, जिसमें धानमंडी 32 स्थित बंगबंधु भवन शामिल है. इसे बंगबधु स्मारक संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है.

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