रूद्राक्ष धारण करते समय किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए?

जानें किस राशि के लोगों को कौन सा रूद्राक्ष धारण करना चाहिए?

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रूद्राक्ष का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक है और इसे भगवान शिव का प्रिय माना जाता है. रूद्राक्ष का अर्थ होता है ‘रुद्र’ (भगवान शिव) और ‘अक्ष’ (आंख) का मेल, अर्थात यह भगवान शिव की दिव्य दृष्टि का प्रतीक है. यह एक प्रकार का बीज है जो विशेष रूप से हिमालय क्षेत्रों में उगता है. रूद्राक्ष का धारण करना न केवल मानसिक शांति और आंतरिक बल प्रदान करता है, बल्कि यह कई शारीरिक और मानसिक विकारों से भी निजात दिलाने में मदद करता है, लेकिन रूद्राक्ष पहनने से पहले कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना चाहिए, साथ ही राशि के अनुसार सही रूद्राक्ष का चुनाव भी महत्वपूर्ण है

रूद्राक्ष पहनने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

सत्यनिष्ठा और श्रद्धा:

रूद्राक्ष को पहनने से पहले व्यक्ति को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ इसका चयन करना चाहिए. इसे एक धार्मिक और मानसिक प्रक्रिया के रूप में अपनाएं। रूद्राक्ष का उपयोग केवल आभूषण के रूप में न करें, बल्कि इसे एक साधना का हिस्सा बनाएं.

शुद्धता का ध्यान रखें:

रूद्राक्ष पहनने से पहले उसे पूरी तरह से शुद्ध कर लेना चाहिए. इसके लिए इसे ताजे पानी में धोकर और फिर विशेष पूजा विधि द्वारा शुद्ध किया जाता है, कुछ लोग रूद्राक्ष को दूध या गंगाजल से भी धोते हैं.

रुद्राक्ष की संख्या का महत्व:

रूद्राक्ष के बीजों की संख्या भी महत्वपूर्ण है, सामान्यतः 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक रूद्राक्ष पाए जाते हैं. प्रत्येक मुखी रूद्राक्ष का अपना विशेष प्रभाव होता है और इसे व्यक्ति की विशेष आवश्यकता और उद्देश्य के अनुसार पहनना चाहिए.

नियमित साधना:

रूद्राक्ष को नियमित रूप से पहनने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. इसे पहनते समय व्यक्ति को प्रतिदिन जाप करना चाहिए और ध्यान लगाना चाहिए. यह साधना जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है.

धारण करने का समय:

रूद्राक्ष को प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व पहनना सबसे उत्तम होता है। इसे हमेशा साफ और शुद्ध रखना चाहिए और सोते समय इसे उतार देना चाहिए.

राशि के अनुसार रूद्राक्ष का चुनाव

मेष राशि – मेष राशि के जातकों के लिए 3 मुखी रूद्राक्ष उत्तम रहता है, यह रूद्राक्ष उन्हें आत्मविश्वास, शक्ति और जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है.

वृषभ राशि- वृषभ राशि के जातकों के लिए 4 मुखी रूद्राक्ष सर्वोत्तम होता है, यह रूद्राक्ष मानसिक शांति, बुद्धि में सुधार और धन की प्राप्ति के लिए लाभकारी है.

मिथुन राशि- मिथुन राशि के जातकों को 5 मुखी रूद्राक्ष पहनना चाहिए, यह रूद्राक्ष वाणी में मधुरता, ज्ञान में वृद्धि और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है.
कर्क राशि- कर्क राशि के जातकों के लिए 6 मुखी रूद्राक्ष उपयुक्त रहता है, यह रूद्राक्ष परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लाने के लिए लाभकारी होता है.
सिंह राशि- सिंह राशि के जातकों को 8 मुखी रूद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है. यह रूद्राक्ष उन्हें नेतृत्व क्षमता, शक्ति और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करता है.

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कन्या राशि- कन्या राशि के जातकों को 9 मुखी रूद्राक्ष पहनना चाहिए. यह रूद्राक्ष शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, साथ ही इसे पहनने से व्यक्ति की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है.
तुला राशि- तुला राशि के जातकों को 7 मुखी रूद्राक्ष धारण करना चाहिए, यह रूद्राक्ष उन्हें धन, सुख, समृद्धि और जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है.
वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के जातकों के लिए 10 मुखी रूद्राक्ष सबसे लाभकारी होता है, यह रूद्राक्ष मानसिक शांति, आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता को मजबूत करता है.
धनु राशि- धनु राशि के जातकों को 11 मुखी रूद्राक्ष पहनना चाहिए, यह रूद्राक्ष जीवन में अच्छे समय का आगमन करता है और व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है.
मकर राशि- मकर राशि के जातकों के लिए 12 मुखी रूद्राक्ष सबसे उपयुक्त होता है, यह रूद्राक्ष सफलता, समृद्धि और आंतरिक शांति लाने के लिए लाभकारी होता है.
कुम्भ राशि- कुम्भ राशि के जातकों के लिए 13 मुखी रूद्राक्ष सबसे अच्छा होता है, यह रूद्राक्ष आत्मज्ञान और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है.
मीन राशि- मीन राशि के जातकों को 14 मुखी रूद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है, यह रूद्राक्ष समृद्धि, सुख और मानसिक शांति का प्रतीक है.

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