तिरुपति के प्रसाद में आखिर क्या था, जिस पर गरमाई सियासत ? लड्डू में मिले बीफ टैलो व लार्ड को समझे

प्रसिद्ध श्रीवारी लड्डू की चर्चा इस समय विवादों में फंसी हुई है.

0

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर की ख्याति देश-दुनिया में काफी फेमस है. यहां प्रसाद के रूप में प्रयोग होने वाले श्रीवारी लड्डूओं की भी लोकप्रियता भी उतनी ही ज्यादा फेमस है. प्रसिद्ध श्रीवारी लड्डू की चर्चा इस समय विवादों में फंसी हुई है, क्योंकि इसमें प्रयोग में आने वाली कुछ ऐसी चीजें पाई गई हैं, जो न सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं है, बल्कि भक्तों की आस्था से भी खिलवाड़ है. आज हम इसी के पूरे तथ्य को समझने की कोशिश करेंगे. तो आइए, जानते हैं कि क्या है पूरा मामला.

हिंदू धर्म में न सिर्फ भगवान को भोग लगाने के लिए बल्कि प्रसाद में भी शुद्धता का ध्यान रखा जाता है. इसके साथ ही हिंदू धर्म में गाय माता मानी जाती है और पूजी जाती है. लैब रिपोर्ट के अनुसार तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसादम के रूप में दिए जाने वाले लड्डू के बनाने वाले घी में बीफ टैलो का इस्तेमाल हुआ है. इसका मतलब है कि प्रसाद के रूप में लाखों हिंदुओं को न सिर्फ मांसाहार दिया गया, बल्कि उनके लिए पूजनीय गाय का फैटी टीशू भी परोसा गया. यह बात सामने आने पर मामले ने तूल पकड़ लिया है.

क्यों खास है यह मंदिर ?

तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर में तिरुमला पर्वत पर स्थित है. तिरुपति बालाजी का वास्तविक नाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी है. माना जाता है कि श्री वेंकटेश्वर स्वामी स्वयं भगवान विष्णु है, जो अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं. इस मंदिर से जुड़े कई रहस्य हैं, जो इसकी मान्यता बढ़ाते हैं. मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाले लड्डू को श्रीवारी लड्डू के नाम से जाना जाता हैं. यह न सिर्फ भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है, बल्कि इसी से भगवान को भोग भी लगाया जाता है.

तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर - विकिपीडिया

Also Read- बाबा विश्वनाथ का प्रसाद मिला तो मुझे खटकाःपूर्व राष्ट्रपति

लड्डू बनाने के लिए चने के अलावा, घी, मेवा, काजू, किशमिश, मिश्री जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. इस मंदिर में रोजाना लगभग तीन लाख से अधिक लड्डू बनते हैं. इस लड्डू को 2014 में Geographical Indication (GI) टैग भी मिल चुका है और इसका पेटेंट और ट्रेड मार्क भी है.

SC पहुंचा तिरुपति लड्डू का मामला | Tirupati Balaji

कौन करता है निगरानी ?

इन लड्डुओं की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTTD) की टीम स्वच्छता और गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए लड्डू में लगने वाली सामग्री की जांच करती है. जानकारी के अनुसार इन सामग्री की सप्लाई के लिए बोली लगती है.

how tirupati balaji prasadam laddu prepared controversy history of recipe 500 crore income कैसे बनते हैं तिरुपती बालाजी की प्रसाद वाले लड्डू? हर साल 500 करोड़ की कमाई, देश न्यूज़

कैसे शुरू हुआ विवाद ? बीफ टैली (Beef Tallow) और लार्ड (Lard) को भी समझे

अब इस लड्डू को लेकर एन चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि उनके पूर्व जब YSR कांग्रेस पार्टी की सरकार थी तब प्रसाद के रूप में बनने वाले उन लड्डू में घटिया सामग्री और एनिमल फैट का इस्तेमाल किया जा रहा था. नायडू की पार्टी TDP ने भी दावा किया कि गुजरात की एक लैब ने लड्डू बनाने में इस्तेमाल सामग्री में बीफ टैली (Beef Tallow), लार्ड (Lard) और मछली का तेल पाया गया.

Tirupati Prasadam: तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट, प्रसादम में मछली तेल की पुष्टि, चंद्रबाबू ने लगाया था आरोप

Also Read- वाराणसी: बाबा विश्वनाथ के महाप्रसाद की सैम्पलिंग,अधिकारियों ने पाई संतुष्टि, सब कुछ रहा ठीक…

क्या है ‘Beef Tallow’ ?

बता दें कि गायों और बैलों जैसे जानवरों के अंगों के आस-पास के फैटी टीशू को पिघलाकर बीफ टैलो बनाया जाता है. यह अक्सर डीप फ्राइंग और रोस्टिंग के लिए भी यूज होता है. इसे मांस से निकाली गई वसा को पिघलाकर भी बनाया जा सकता है, जो फिर ठंडा होकर मक्खन जैसा सॉफ्ट सॉलिड बन जाता है.

Tirupati Laddu News: क्या हैं बीफ टैलो और लार्ड, जिनके तिरुपति प्रसाद में मिले होने पर हो रहा विवाद?

Lard’ क्या है ?

आजकल ज्यादातर रसोई में लार्ड की जगह वेजिटेबल ऑयल ने ले ली है. यह सेमी सॉलिड वाइट फैट है जो सूअरों के फैटी टीशू को पिघलाने से मिलता है. सूअर का मांस खाने वाले समुदायों के लिए यह मुख्य खाद्य पदार्थ है. यह कभी बेंकिंग में एक आम सामग्री थी, लेकिन इस समय यह वनस्पति तेल रसोइयों के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है.

मामले में अब नया मोड़

अब वहीं इस पूरे मामले में नया मोड़ दिन-प्रतिदिन जुड़ता जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तिरुपति लड्डू मुद्दे पर आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है. स्वास्थ्य मंत्री जेपी. नड्डा ने कहा है कि इस संबंध में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की गई है. मुख्यमंत्री के पास जो भी रिपोर्ट है, उसे केंद्र के पास भेजने को कहा गया है.

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा राज्यसभा में सदन के नेता नियुक्त

Also Read- वाराणसी: ज्ञानवापी ज्ञान प्राप्ति का माध्यम- सीएम योगी आदित्यनाथ

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह इस पूरे मुद्दे को देखेंगे और स्टेट रेगुलेटर्स (राज्य नियामक) से भी बात करेंगे. इसमें उनका भी पक्ष जाना जाएगा. रिपोर्ट की पूरी तरह से जांच करने के बाद सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी. कानून और FSSAI के दायरे में जो भी आएगा, उसके मुताबिक कार्रवाई होगी.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More