क्या है नया Income Tax Bill, डिजिटल जासूसी या जरूरी सुधार?

क्या है नया Income Tax Bill

New Income Tax Bill 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संसद में नये Income Tax Bill 2025 का बचाव करते हुए यह जानकारी दी कि आयकर विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई में 200 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा किया है, जिसमें वाट्सऐप मैसेज अहम सबूत बने हैं.
उन्होंने बताया कि टैक्स चोरी में एन्क्रिप्टेड संचार का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है. इसलिए टैक्स चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए डिजिटल रिकॉर्ड तक पहुंच आवश्यक है.

क्या है नया Income Tax Bill

नया Income Tax Bill 2025, जिसे फरवरी में लोकसभा में पेश किया गया था, 1961 के मौजूदा Income Tax Bill की जगह लेगा.
सीतारमण ने बताया कि 1961 के आयकर अधिनियम में केवल भौतिक खाता-बही, लेज़र और मैन्युअल रिकॉर्ड का उल्लेख है, लेकिन डिजिटल दस्तावेजों को इसमें शामिल नहीं किया गया था। इस वजह से, tax investigation के दौरान डिजिटल साक्ष्यों की जाँच करने में कानूनी अड़चनें आ रही थीं.
लेकिन इस नये विधेयक के तहत,

  • आयकर अधिकारियों को टैक्स जांच के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे– वाट्सऐप, टेलीग्राम, ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स तक पहुंच का अधिकार मिलेगा.
  • फाइनेंशियल डेटा एक्सेस यानी बैंक खातों, डिजिटल वॉलेट्स और क्रिप्टो एक्सचेंज की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री को देखा जा सकेगा.
  • डिजिटल ट्रेल ट्रैकिंग जैसे – गूगल मैप्स हिस्ट्री, इंस्टाग्राम पोस्ट्स और अन्य डिजिटल माध्यमों का विश्लेषण किया जाएगा.
    हालांकि, यह अधिकार केवल उन मामलों में दिया जाएगा, जहां टैक्स चोरी या अघोषित संपत्ति का संदेह होगा.

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व्हाट्सऐप चैट से मिली अहम जानकारी

इस दौरान वित्त मंत्री ने हालिया कार्रवाई का हवाला देते हुए बताया कि,

  1. क्रिप्टो एसेट्स से जुड़े 200 करोड़ रुपये के बेहिसाबी धन का पता लगाने में वाट्सऐप मैसेज से मदद मिली.
  2. वाट्सऐप मैसेज को डिक्रिप्ट करने के बाद एक अवैध सिंडिकेट से 90 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की गई.
  3. बोगस बिलिंग सिंडिकेट से 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी उजागर हुई.
  4. जमीन की बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन को 150 करोड़ से घटाकर सिर्फ 2 करोड़ रुपये दिखाया गया.
  5. वाट्सऐप प्रोफेशनल ग्रुप्स में भी टैक्स चोरी के मामले सामने आए हैं.

उन्होंने कहा कि टैक्स अधिकारियों ने गूगल मैप्स की लोकेशन हिस्ट्री और इंस्टाग्राम अकाउंट्स और वाट्सऐप मैसेज का विश्लेषण कर नकदी छिपाने के लिए इस्तेमाल किए गए ठिकानों की पहचान की.

वाट्सऐप की एन्क्रिप्शन नीति पर सवाल

हालांकि वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वाट्सऐप की एन्क्रिप्शन तकनीक को तोड़ा गया या फिर डिवाइसेज़ को जब्त कर डेटा निकाला गया. यह प्रावधान कितना व्यापक होगा और की वाट्सऐप की एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन नीति के साथ कैसे मेल खाएगा, इस पर अब भी सवाल बने हुए हैं.

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वाट्सऐप का पहले भी सरकार से टकराव

आपको बता दें कि मेटा ने अब तक इस बिल पर कोई टिप्पणी नहीं की है। वाट्सऐप का दावा है कि उसकी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन तकनीक के तहत केवल भेजने और प्राप्त करने वाला व्यक्ति ही मैसेज पढ़ सकता है, यहां तक कि वाट्सऐप खुद भी इसे एक्सेस नहीं कर सकता.

  • गौरतलब है कि 2021 में वाट्सऐप ने भारत सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जब आईटी अधिनियम 2021 के तहत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से संदेशों के स्रोत (originator) का खुलासा करने की मांग की थी.
  • अप्रैल 2024 में व्हाट्सऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि अगर उसे एन्क्रिप्शन मानकों से समझौता करने के लिए मजबूर किया गया, तो वह भारतीय बाजार से बाहर जाने पर विचार कर सकता है.

हालाँकि सरकार का कहना है कि यह विधेयक टैक्स कानूनों को सरल और आधुनिक बनाने के लिए लाया गया है, जिससे करदाताओं को अनुपालन में आसानी होगी. वहीं, कुछ लोगो का कहना है कि यह डिजिटल प्राइवेसी के लिए खतरा बन सकता है. हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि डिजिटल रिकॉर्ड तक पहुंच वित्तीय अपराधों पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है.
यह विधेयक संसद के मानसून सत्र में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो यह आधुनिक तकनीक के माध्यम से टैक्स चोरी रोकने में मददगार साबित हो सकता है.