क्या है शेयर मार्केट, भारत में आया कब…
भारत में सर्वप्रथम साल 1875 में शेयर मार्केट ने दस्तक दी
देश में शेयर बाजार कहने को तो 1875 से है लेकिन सही में अगर भारत में शेयर मार्केट का उदय हुआ तो वह हुआ 1991 में जब देश में नरसिम्हा राव की सरकार थी. उन्होंने विदेशी कंपनियों के लिए देश के दरवाजे खोले जिससे ग्लोबलाइजेशन का दौर शुरू हुआ तो शेयर बाजार ने अपनी एक अलग तरह की रफ्तार पकड़ी.
बता दें कि भारत में सर्वप्रथम साल 1875 में शेयर मार्केट ने दस्तक दी. मुंबई का शेयर बाजार एशिया का पहला शेयर मार्केट है जो इसी साल स्थापित हुआ था. इसका नाम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) है जो सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है.
भारत में शेयर मार्केट के जनक…
वर्ष 1975 में द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोशियसन की स्थापना की गई. इसे आधिकारिक तौर पर शेयर बाजार (Share Market) की शुरुआत माना जाता है. कहा जाता है कि इसे शुरू करने के लिए इस समय 318 लोगों ने 1 रुपये की एंट्री फीस के साथ इस संगठन का गठन किया था. कारोबारी प्रेमचंद रायचंद जैन को बीएसई का जनक तथा बॉम्बे के कॉटन किंग के नाम से जाना जाता है.
इसी दौर में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) शुरू हुआ, जिसने शेयर बाजार को नए आयाम दिए. महज तीन दशक में ही यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा एक्सचेंज बन गया. मौजूदा समय में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करने वाले निवेशकों की संख्या 20 करोड़ के पार चली गई है, जिसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है.
क्या है BSE ? …
BSE भारत और दुनियाभर में सबसे पुराने और महत्वपूर्ण स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है. कहा जाता है कि BSE ने भारत को वित्तीय प्रारिदृश्य देने में एक महत्वपूर्व भूमिका निभाई है. प्रतिभूतियों के व्यापार और पूंजी निर्माण की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में विकसित हुआ है.
समय के साथ BSE ने कई अहम् फैसले लिए और अपने उत्पाद पेशकशों का विस्तार करते हुए वित्तीय साधनों की एक विविध श्रेणी को शामिल किया. जैसे- म्यूच्यूअल फंड्स, बांड्स, एक्सचेंज, ट्रेडेड फंड्स आदि.
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NSE क्या है ?…
NSE भारत का एक प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है. इसकी स्थापना 1992 में हुई. NSE दुनिया के सबसे बड़े और तकनीति रूप से उन्नति स्टॉक एक्सचेंजों में से एक बन गया है. एनएसई भारत में इलेक्ट्रॉनिक और पूरी तरह से स्वचालित व्यापार की प्रणाली में लाया गया पहला स्टॉक एक्सचेंज है. कुछ ही वर्षों में, व्यापार की इस इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली ने प्राकृतिक शेयर प्रमाणपत्रों को शामिल करते हुए कागज आधारित शेयर ट्रेडिंग सिस्टम को पूरी तरह से बदल दिया है.