क्या है IPF बीमारी जिसने ली तबला वादक जाकिर हुसैन की जान ?

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विश्वविख्यात तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का आज निधन हो गया है, लम्बी बीमारी के बाद 73 साल की उम्र में जाकिर हुसैन ने अपनी अंतिम सांस ली है. बता दें कि, वे दो हफ्ते से अमेरिका के सैन फ्रांसिस्कों के एक अस्पताल में भर्ती थे. जिसके बाद 15 दिसंबर को उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल के आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया था, जहां 16 दिसंबर की सुबह उनका निधन हो गया. वही उनके परिवार द्वारा दी गयी जानकारी में बताया गया है कि, उनका निधन इडियापैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नामक बीमारी की वजह से हुआ है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि, आखिर यह बीमारी क्या है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इसका बचाव कैसे किया जा सकता है ?

क्या है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF)?

इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) एक दीर्घकालिक और गंभीर फेफड़ों की बीमारी है. इसमें फेफड़ों के वायुकोष (एल्वियोली) और आसपास के टिशू मोटे और कठोर हो जाते हैं. समय के साथ इन टिशू पर निशान बन जाते हैं, जिसे फाइब्रोसिस कहा जाता है. यह स्थिति सांस लेना कठिन बना देती है और शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने में बाधा उत्पन्न करती है. स्वस्थ फेफड़ों में ऑक्सीजन आसानी से वायुकोष की दीवारों से होकर खून में पहुंचती है, लेकिन IPF के कारण इन दीवारों की मोटाई बढ़ जाती है, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह प्रभावित होता है.

इस बीमारी के कारण

स्मोकिंग: धूम्रपान IPF का एक बड़ा कारण है.
पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को यह बीमारी हुई है, तो इसका खतरा बढ़ सकता है.
अन्य कारण: हालांकि, IPF के सभी मामलों में सटीक कारणों का पता नहीं चल पाता.

इसके लक्षण

सांस लेने में कठिनाई: यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती है और समय के साथ गंभीर हो जाती है.
सूखी खांसी: बार-बार होने वाली खांसी, जिसे नियंत्रित करना मुश्किल होता है.
अन्य लक्षण: मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकावट और अचानक वजन का घटना.

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IPF का इलाज

वर्तमान में इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है. हालांकि, कुछ उपचार इसे बढ़ने से रोकने और फेफड़ों के कार्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं.
ऑक्सीजन थेरेपी: यह सांस लेने की समस्या को कम करता है और व्यायाम क्षमता को सुधारता है.
लंग्स ट्रांसप्लांट: गंभीर मामलों में फेफड़ों का प्रत्यारोपण एक विकल्प हो सकता है. हालांकि, इसके बाद इंफेक्शन और शरीर द्वारा नए अंग को स्वीकारने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके लिए आजीवन दवाओं की जरूरत पड़ती है. सिटी स्कैन और फेफड़ों की जांच: शुरुआती लक्षणों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, समय रहते इसके लक्षण पहचान कर उचित उपचार लेना बेहद जरूरी है. उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के निधन ने एक बार फिर इस बीमारी पर ध्यान केंद्रित किया है.

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