CM के दोनों चेहरों के बेटे एक ही सीट पर लड़ने के लिए बेताब!

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कर्नाटक चुनावों में इस बार सीएम सिद्दारमैया और बीजेपी के सीएम चेहरे बीएस येद्दियुरप्‍पा के बीच प्रतिष्‍ठा की जंग है।  दोनों ही नेता अपने सियासी जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। सिद्दारमैया के बारे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस के अंतिम किलों में शुमार कर्नाटक में बीजेपी के खिलाफ पार्टी के योद्धा के रूप में खड़े हैं। कांग्रेस ने भी उन पर पूरा भरोसा जताते हुए पूरी कमान उनके हवाले कर दी है।

पार्टी के पास स्‍थानीय कद्दावर चेहरा है

दरअसल गुजरात चुनावों में कांग्रेस को मजबूत स्‍थानीय नेता की कमी खली थी। हालांकि राहुल गांधी के आक्रामक चुनाव प्रचार के कारण पार्टी को पहले की तुलना में अधिक सफलता मिली लेकिन कांग्रेस सत्‍ता में नहीं आ सकी।  चुनावी विश्‍लेषकों के मुताबिक कर्नाटक में कांग्रेस के साथ ऐसा नहीं है क्‍योंकि यहां पर सिद्दारमैया(69) के रूप में पार्टी के पास स्‍थानीय कद्दावर चेहरा है।

पार्टी नेताओं को बड़ी जिम्‍मेदारियां नहीं दी जा रही हैं

इसी तरह बीजेपी ने अपने दिग्‍गज लिंगायत समुदाय से ताल्‍लुक रखने वाले बीएस येद्दियुरप्‍पा(75) को पार्टी का मुख्‍यमंत्री चेहरा घोषित कर रखा है। येद्दियुरप्‍पा के लिए ये अंतिम बड़ा सियासी मौका माना जा रहा है क्‍योंकि उनकी उम्र 75 साल हो गई है और बीजेपी के अघोषित नियम के अनुसार इस उम्र को पार करने वाले पार्टी नेताओं को बड़ी जिम्‍मेदारियां नहीं दी जा रही हैं। लेकिन कर्नाटक में बीजेपी के पास सिद्दारमैया को टक्‍कर देने के लिए येद्दियुरप्‍पा से बड़ा कोई चेहरा नहीं है।  लिहाजा बीजेपी ने येद्दियुरप्‍पा पर दांव लगाया है।

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अब इन दोनों सीएम दावेदारों के बीच सीधी सियासी जंग के बीच एक अन्‍य कारण से भी प्रतिष्‍ठा की लड़ाई बनती जा रही है।  दरअसल सिद्दारमैया की जड़ें मैसूर में हैं।  वह पिछली बार यहां की वरुणा सीट से जीते थे।  इस बार कहा जा रहा है कि उनके बेटे डॉ नीतेंद्र इस सीट से चुनाव में उतरेंगे। लिहाजा उनके बेटे को चुनौती देने के लिए इस तरह की चर्चाएं हैं कि बीजेपी नेता येद्दियुरप्‍पा के बेटे विजेंद्र मैदान में उतरेंगे। इस जिले में 11 विधानसभा सीटें हैं।

बीजेपी की रणनीति एकदम साफ है

सीएम सिद्दारमैया का गृह जिला होने के नाते भी दोनों दलों के बीच यहां कांटे की लड़ाई होनी तय है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 29 मार्च से सीएम सिद्दारमैया यहां से पांच दिवसीय चुनावी दौरा करने जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ 30 मार्च से दो दिवसीय दौरे के लिए बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह भी यहां पहुंचने वाले हैं। बीजेपी की रणनीति एकदम साफ है। वह मैसूर से अधिकाधिक सीटें जीतकर सिद्दारमैया को उन्‍हीं के घर में घेरने के मूड में है। सिद्दारमैया का जन्‍म मैसूर के सिद्दारमनाहुंडी गांव में हुआ था। उन्‍होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से ही साइंस में ग्रेजुएशन और लॉ की डिग्री ली है। इस बार उनके मैसूर की ही चामुंडेश्‍वरी सीट से चुनावी मैदान में उतरने की संभावना है। उल्‍लेखनीय है कि कर्नाटक में 12 मई को वोटिंग होगी और 15 मई को नतीजे आएंगे।

zeenews

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