विवेक तिवारी हत्याकांड : आ गई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ये है मौत की वजह

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस की चेकिंग के दौरान कार न रोकने पर सिपाही ने कार पर गोली चलाई । इसके बाद कार अंडरपास के पिलर से टकरा गई और कार में सवार Apple कंपनी के मैनेजर विवेक(Vivek ) तिवारी की मौत हो गई।

विवेक मूल रूप से सुल्तानपुर कुड़वार क्षेत्र के सरैंया माफी गांव के रहने वाले थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विवेक तिवारी की ठुड्ढी में गोली लगने की पुष्टि हो गई है। गोली गर्दन व सिर के बीच में फंसी। जिसके कारण अधिक रक्तस्राव से मौत हो गई।

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दरअसल लखनऊ का पॉश इलाका माने जाने वाले गोमतीनगर में शुक्रवार देर रात की इस घटना से पुलिस महकमे में खलबली मच गई। घटना देर रात करीब डेढ़ बजे की है। कार में विवेक तिवारी के साथ सना नामक युवती भी थी। सना भी विवेक के साथ मशहूर I-Phone बनाने वाली कंपनी एपल में कार्यरत है। दोनों सिपाही इस समय गोमतीनगर थाने में हैं, इनका मेेडिकल कराया जा रहा है।

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पुलिस का कहना है कि चेकिंग दौरान काले रंग की महिंद्रा एक्सयूवी 500 कार को रोकने का इशारा किया गया। कार सवार ने गाड़ी की स्पीड तेज कर दी, जिससे पुलिस की बाइक पर सवार दो सिपाही को चोट लग गई। इनमें से एक ने कार पर गोली चला दी।

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मृतक विवेक तिवारी सुलतानपुर के शंकरपुरम करौंदिया निवासी है। युवक पिता उदय नारायण है, जो बैंक में मैनेजर रहे हैं। युवक दो भाई हैं। दूसरा भाई नीरज छोटा है। विवेक तिवारी एपल कंपनी में एरिया मैनेजर के पद कार्यरत थे। घर में उनकी पत्नी कल्पना बेटी शिवी और सानू हैं।

विवेक एप्पल मोबाइल कम्पनी में चार साल से एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। शुक्रवार को कम्पनी ने मोबाइल का नया मॉडल लॉन्च किया था। मोबाइल की लांचिंग कराने के बाद टीम मेम्बत सना को विभूति खण्ड स्थित आफिस से कार से उसके घर छोड़ने जा रहे थे।विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना ने कहा कि विवेक ने फोन पर बताया था कि वो सना को छोडऩे के बाद घर पहुंचेंगे। मैंने बाद में फोन किया तो एक आदमी ने उठाया जिसने कहा कि एक्सीडेंट हो गया है।

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आप लोहिया अस्पताल पहुंचे। मैं लोहिया गई तो गोली की बात नहीं बताई गई। वहां कहा गया कि छोटा सा एक्सीडेंट था। इसके बाद में डॉक्टर ने कहा कि उनके सिर पर चोट लगी थी जिसके बाद ब्लीडिंग बहुत हुई और उन्हें बचाया नहीं जा सका।उन्होंने कहा कि मैं तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जवाब चाहती हूं, पुलिस ने मेरे पति को मार दिया। अगर वो जैसी भी हालत में थे उन्हें गोली क्यों मारी गई।

आरटीओ से नंबर के जरिए पता करते और फिर घर आते। गोली मारने की जरूरत क्यों आई।इस बीच विवेक तिवारी की सहयोगी सना को पुलिस ने मीडिया से दूरी बनाए रखने के लिए नजरबंद कर दिया है।जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। सना सिपाही द्वारा युवक को गोली मारने में मुख्य गवाह है। उन्हें गोमतीनगर के विनयखंड 3 स्थित उनके घर में पुलिस ने नजरबंद किया है। घटना के वक्त सना विवेक के साथ कार में मौजूद थी।

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फिलहाल पुलिस घटना की जांच में जुट गई है। विवेक तिवारी एपल में एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। विवेक नए आईफोन की लॉन्चिंग करके लौट रहे थे। विवेक तिवारी के परिवार में दो बहने हैं। रास्ते में पुलिस ने उन्हें गाड़ी रोकने का इशारा किया तो बात बढ़ गई और कॉन्स्टेबल ने विवेक पर गोली चला दी। एसएसपी के मुताबिक आरोपी कॉन्स्टेबल को हिरासत में ले लिया गया है।विवेक तिवारी की सहकर्मी सना इस वक्त गहरे सदमे में हैं।

उन्होंने कहा कि फिलहाल तो मैं कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं। मीडिया ने पुलिस पर दबाव बनाया। इसीलिए सहकर्मी पुलिस के कहने पर सामने स्कार्फ बांध कर आई।सना ने कहा कि मैं तो सिर्फ चाहती हूं कि दोषी को सख्त से सख्त सजा मिले। मैं किसी भी दबाव में नहीं हूं। प्रदेश की पुलिस का यह व्यवहार देखकर बेहद भयभीत सना से इससे आगे कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

विवेक तिवारी के साथ घर जा रही थीं।

लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि गोमतीनगर थाने में कॉन्स्टेबल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता सना खान ने बताया है कि शुक्रवार देर रात अपने साथ काम करने वाले विवेक तिवारी के साथ घर जा रही थीं। सीएमएस गोमतीनगर विस्तार के पास उनकी गाड़ी खड़ी थी, तभी सामने से दो पुलिसवाले आए और इन्होंने बचकर निकलने की कोशिश की।

वहीं, घटना के वक्त विवेक के साथ गाड़ी में मौजूद सहकर्मी सना का आरोप है कि कॉन्स्टेबल ने बाइक दौड़ाकर विवेक के गले में गोली मारी। सना की शिकायत पर ही हत्या का मामला दर्ज किया गया है।एसएसपी ने कहा कि दो अन्य पुलिसवालों ने भी उन्हें रोकने की कोशिश की तो वह नहीं रुके और कॉन्स्टेबल ने गोली चला दी।

पुलिसवाले की मोटरसाइकल को भी टक्कर मारी

इसके बाद घबराकर उनकी कार अंडरपास के पिलर से टकरा गई और विवेक को गहरी चोट आई। पुलिस उसे अस्पताल ले गई जहां देर रात उसकी मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से एसएसपी ने बताया कि बच निकलने के चक्कर में विवेक की गाड़ी ने एक पुलिसवाले की मोटरसाइकल को भी टक्कर मारी। इस घटना के बाद कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने एक फायर किया, जिसके बाद बुलेट कार के विंड शील्ड को पार कर गई।

आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी ने बताया कि हमने कार को रोकने का प्रयास किया, लेकिन रुकने की बजाय हम लोगों की मोटरसाइकिल पर चढ़ा दी। जिसके बाद हम ने गोली चलाई। सबसे खास बात है कि आरोपी सिपाही अपने को बचाने के लिए झूठी कहानी तैयार करके बयान दे रहा है। दोनों सिपाहियों को न को खरोंच आई और न ही उनकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त हुई है। घटना गोमतीनगर इलाके के मकदूमपुर पुलिस चौकी की है।आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी को हिरासत में लिया गया है। आरोप है कि पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो युवक ने कार चढ़ाने की कोशिश की। इस पर सिपाही प्रशांत चौधरी ने फायरिंग कर दी।

सीबीआई जांच की मांग

विवेक तिवारी के बहनोई विष्णु शुक्ल ने इस मामले की निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने सवाल किया कि क्या विवेक कोई आतंकी था जो पुलिस ने उसको गोली मार दी।

उन्होंने कहा कि हम लोग सीएम योगी आदित्यनाथ को अपना प्रतिनिधि मानते हैं। उनको इस घटना को तत्काल संज्ञान में लेना चाहिए। इसके साथ ही इस पूरे प्रकरण की हम निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग करते हैं। मुख्यमंत्री को इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिए।

मौके पर आला-अधिकारी पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया। विवेक के शव को भी पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।विवेक की मौत कार के टकराने से आई ऐक्सिडेंटल चोट की वजह से हुई या गोली लगने से, यह सब तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो पाएगा। साभार दैनिक जागरण

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