विवाह पंचमी आज, जानें इस पर्व के दिव्य उपाय …
विवाह पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से मिथिला क्षेत्र में मनाया जाता है, यह पर्व भगवान राम और सीता के विवाह की याद में मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से भगवान राम और सीता के विवाह के प्रसंग को याद करते हुए श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से श्रीराम विवाह करने से घर में खुशियों का आगमन होता है. साथ ही वैवाहिक जीवन में भी खुशियां आती हैं. यह पर्व हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है, वही इस साल विवाह पंचमी का पर्व आज यानी 6 दिसंबर को मनाया जा रहा है. ऐसे में आइए जानते है इस पर्व की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में विस्तार से…
विवाह पंचमी की तिथि
वैदिक पंचाग के अनुसार, 5 दिसंबर, 2024 को मार्गशीर्ष महा के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 12 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी. वहीं तिथि 6 दिसंबर 12 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगी. योजनानुसार, विवाह पंचमी 6 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी.
पूजन विधि
विवाह पंचमी के दिन पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करके शुद्ध अवस्था में बैठें, फिर भगवान राम और सीता के चित्र या मूर्तियों का पूजन करें.
पूजन की शुरुआत: सबसे पहले दीपक जलाएं और भगवान राम के चित्र पर पुष्प चढ़ाएं.
गंध, अक्षत और जल अर्पित करें: फिर भगवान राम और सीता को गंध, अक्षत (चावल) और जल अर्पित करें.
राम कथा का श्रवण: इस दिन राम कथा का श्रवण करना विशेष लाभकारी माना जाता है.
विवाह संस्कार का आयोजन: अगर संभव हो तो विवाह की रस्मों का प्रतीक रूप में आयोजन करें, जैसे भगवान राम और सीता का प्रतीकात्मक विवाह. इसके बाद, समर्पण भाव से भगवान से परिवार और वैवाहिक जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और प्रेम की कामना करें…
विवाह पंचमी का महत्व
विवाह पंचमी का महत्व विशेष रूप से रामकथा से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि, इस दिन भगवान श्रीराम ने माता सीता से विवाह किया था. यह पर्व मिथिला क्षेत्र में विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है, क्योंकि सीता माता का जन्म वहीं हुआ था. विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और सीता के विवाह के साथ-साथ उनकी समृद्धि, सुख और समृद्ध परिवार जीवन के लिए भी विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन विशेष रूप से विवाहित जोड़ों को अपनी शादीशुदा जिंदगी में सुख-शांति की कामना होती है. यह दिन नए रिश्तों की शुरुआत करने, विवाह की शुभता और परिवार के सुख-समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
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विवाह पंचमी के विशेष उपाय
विवाह पंचमी के दिन कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं, जो जीवन में सुख, समृद्धि और प्रेम को आकर्षित करने में मदद करते हैं:
कुंवारी कन्याओं का पूजन: इस दिन कुंवारी कन्याओं को सम्मानित करना और उन्हें उपहार देना, विशेष रूप से शुभ होता है. यह भगवान राम और माता सीता के आदर्श विवाह की प्रतीक माना जाता है.
कृष्ण मुद्रा का प्रयोग: विवाह पंचमी पर भगवान श्रीराम के साथ कृष्ण मुद्रा में बैठकर पूजा करने से घर में सुख-शांति और परिवार में प्रेम बढ़ता है.
संतान सुख के लिए पूजा: यदि संतान सुख की प्राप्ति में कोई विघ्न आ रहा है, तो इस दिन विशेष रूप से संतान सुख के लिए पूजा की जाती है.
विवाह योग्य व्यक्तियों के लिए उपाय: जो लोग विवाह के लिए समस्याओं का सामना कर रहे हैं, वे इस दिन विशेष रूप से माता सीता के चित्र के सामने बैठकर प्रार्थना करें और व्रत रखें.
प्रेम और संबंधों में मधुरता: इस दिन प्रेम और संबंधों में मधुरता लाने के लिए श्रीराम के नाम का जाप करें, इससे आपके रिश्तों में समझ और सामंजस्य आएगा.