यूपी की राजधानी लखनऊ से दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. यहां के गोसाईंगंज के शिवलर स्थित सुफ्फा मदीनतुल उलम मदरसा के मौलाना मो. रियाज ने 2 नाबालिग बच्चों को तालिबानी अंदाज में सजा दी, उनके पैरों को लोहे की जंजीरों से बांधकर ताले जड़ दिए. बीते शुक्रवार को जब उन नाबालिगों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस हरकत में आई. वहीं, दूसरी तरफ दोनों बच्चों के परिजनों का कहना है कि उन्होंने ही सख्ती के लिए कहा और उन्हें कोई कार्रवाई नहीं चाहिए, ये बात परिजनों ने लिखित तौर पर थाने में दिया था.
दरअसल, शुक्रवार की दोपहर को 13 व 14 साल के बच्चे मदरसे से निकलकर एक गांव में आ पहुंचे. बच्चों के पांवों में लोहे की जंजीरें देख गांववाले अचंभित हो गए. जब उन्होंने बच्चों से इसका कारण पूछा तो पता चला कि ये सब मदरसे के मौलाना मो. रियाज ने किया है. इसके बाद पर गांववालों ने जंजीरें काटीं. इसी बीच किसी ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इसके बाद घटनास्थल पर पुलिस पहुंची और दोनों बच्चों को थाने ले आई.
गोसाईंगंज के प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र गिरि ने बताया कि ‘बाराबंकी में रहने वाले 13 वर्ष के बच्चे के माता-पिता ने बताया कि अच्छी तालीम दिलाने के लिए उन्होंने बच्चे को मदरसे में छोड़ा था. हालांकि, रमजान की छुट्टी के बाद से ही मदरसा नहीं जाना चाह रहा था.’ 14 वर्ष के बच्चे के भाई ने पुलिस से बताया कि ‘दोनों दो बार मदरसे से भाग चुके हैं. शुक्रवार को भी ऐसा किया था. इस पर मौलाना से सख्ती करने के लिए कहा था. यह भी कहा था कि फिर ऐसा करते हैं तो इन्हें बांधकर रखें.’
गोसाईगंज की एसीपी स्वाति चौधरी ने बताया ‘दोनों बच्चे घरवालों को सौंप दिए गए हैं.’ मौलाना मो. रियाज का कहना है कि ‘दोनों बच्चे शैतान हैं. परिवारीजन के कहने पर ही उनके आने तक दोनों को बांधकर रोकने का प्रयास किया था. इन बच्चों के साथ मेरे द्वारा कोई भी मारपीट नहीं की गई है.’
बता दें शिवलर स्थित सुफ्फा मदीनतुल उलम मदरसा गैरकानूनी तरीके से चल रहा है. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोन कुमार के मुताबिक इसकी मान्यता नहीं है. सरकार से कोई आर्थिक सहायता भी नहीं दी जाती है. यह एक मकतब की तरह है, जहां मोहल्ले के बच्चों को जुटाकर पढ़ाया जाता है.