“मीडिया को सत्ता का दलाल नहीं बनना चाहिए”, उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले- सीएए पर बहस करना गलत

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार (23 मार्च) को कहा कि मीडिया को सत्ता का दलाल नहीं बनना चाहिए और उसे निष्पक्ष रहकर तथा राजनीति में शामिल न होकर अपने उद्देश्यों की जनहित को ध्यान में रखकर सर्वोत्तम पूर्ति करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर बहस स्वाभाविक नहीं है और मीडिया को ऐसी स्थिति में अपनी भूमिका निभानी चाहिए.

कानून को लेकर गलत धारणा बनाई जा रही

जगदीप धनखड़ ने कहा कि सीएए कानून किसी भी भारतीय नागरिक से उसकी नागरिकता छीनने का कानून नहीं है, लेकिन एक अलग धारणा बनाई जा रही है. उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग पड़ोसी देशों में सताए गए अल्पसंख्यकों पर मानवाधिकार के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक संदर्भ और पीड़ा निवारक प्रभाव को पहचानने में विफल रहे.

मीडिया को सत्ता का दलाल नहीं बनना चाहिए- धनखड़

सीएए के लिए नियम हाल में अधिसूचित किए गए थे. धनखड़ ने कहा कि मीडिया निष्पक्ष होकर और राजनीति में शामिल न होकर अपने उद्देश्य को सर्वोत्तम ढंग से पूरा करे. उन्होंने कहा, हम जमीनी हकीकत जानते हैं. मैं इस पर ज्यादा नहीं बोलूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया को “सत्ता का दलाल” नहीं बनना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया को भारत को समझने के लिए सही दृष्टिकोण बताने वाला घटक बनना चाहिए, न कि देश की छवि खराब करने वाले सुनियोजित विमर्श का शिकार बनना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने राय व्यक्त की कि मीडिया एक पंजीकृत मान्यता प्राप्त या गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि मीडिया को सभी सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि वह पक्षपातपूर्ण राजनीति के लिए युद्ध का मैदान न बने.

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