कोरोना काल का देश भर में चारो ओर असर पड़ता दिख रहा है। इस महामारी से देशभर में मठ, मंदिर, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थल प्रभावित हुए हैं। इस काल के दौरान देश के तमाम धार्मिक स्थल बंद रहे और श्रद्धालु नदारद ही रहे हैं। इस वजह से मंदिरों में चढ़ावा और आय बंद सा हो गया है। दिल्ली में कई मंदिर ऐसे हैं जिसके पुजारियों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
विश्व हिंदू परिषद ने इन मंदिरों का उठाया बीड़ा
ऐसे में विश्व हिंदू परिषद ने राजधानी दिल्ली के इन मंदिरों की बीड़ा उठाया है। विहिप ऐसे ही 1000 से अधिक मंदिरों के पुजारियों की सहायता कर रही है।
मंदिरों के पुजारियों और अन्य सेवायतों की सहायता
विहिप के दिल्ली प्रांत के कार्याध्यक्ष वागीश इस्सर ने कहा, “हम दिल्ली के ऐसे मंदिरों के पुजारियों और अन्य सेवायतों की सहायता कर रहे हैं जिनकी माली हालत ठीक नहीं है। हम चाहते हैं कि कोरोना काल में पुजारियों को दुर्दिन न देखना पड़े। सभी पुजारी को उनकी जरूरत के अनुसार राशन और कम से कम ढाई हजार रुपये की सहायता की जा रही है। राजधानी दिल्ली के 70 मंदिरों में सेनिटाइजेशन मशीन विहिप ने लगाया है ताकि श्रद्धालु बिना किसी डर के पूजा पाठ कर सकें।”
चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिये अभियान
इसके साथ ही वागीश इस्सर ने कहा, “हम चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिये अभियान भी चला रहे हैं। अभियान के तहत मन्दिरों में श्रद्धालुओं और पुजारियों से अनुरोध करते हैं कि चीन में निर्मित वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। चीनी सामानों के बहिष्कार करने हेतु विहिप 27 जून से दिल्ली में बड़ा अभियान चलाने जा रही है।”
पुजारियों और उनके परिवार का समुचित ध्यान
उल्लेखनीय है कि 25 मार्च से 31 मई तक देशभर में लॉकडाउन लागू था। एक जून से शुरू हुए अनलॉक-1 के तहत सरकार ने पाबंदियों को सिर्फ कंटेनमेंट जोन तक ही सीमित रखा है। एक जून से अधिकतर मंदिर खुल गए हैं, लेकिन कोरोना के डर से मंदिरों में कम दर्शनार्थी ही पहुंच रहे हैं। आशंका जतायी जा रही है कि ऐसे ही हालात आगामी तीन-चार महीने तक रह सकते हैं। ऐसे में विहिप ने कहा कि ऐसी स्थिति में अगले तीन चार महीने का भी हम प्लान बनायेंगे ताकि इन मंदिरों के साथ साथ पुजारियों और उनके परिवार वालों का समुचित ध्यान रखा जा सके।
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