खुलासा : तोगड़िया की गिरफ्तारी वाले केस को 3 साल पहले सरकार ले चुकी है वापस

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विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया पर पुलिस कार्रवाई से जुड़े मामले में एक आश्चर्यजनक खुलासा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार 16 जनवरी को राजस्थान पुलिस जिस मामले में प्रवीण तोगड़िया को गिरफ्तार करने पहुंची थी उस केस को राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार तीन साल पहले ही वापस ले चुकी है। हालांकि राजस्थान पुलिस इस केस को अदालत से विदड्रा नहीं करवाई थी, जिसकी वजह से यह स्थिति पैदा हुई।

केस वापस वाले दस्तावेज तलाश रहे अधिकारी

अब राजस्थान के सरकारी अधिकारी उस 2015 में जारी हुए उस ऑर्डर को तलाश रहे हैं जिसमें यह लिखा है कि राजस्थान सरकार ने यह केस वापस ले लिया है। इस केस में अगली सुनवाई 20 जनवरी को है अगर तब तक राज्य सरकार की चिट्ठी अदालत तक पहुंच जाती है तब ठीक है, अन्यथा राज्य सरकार को फिर से आदेश जारी करने पड़ेंगे।

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दरअसल यह केस लगभग 16 साल पुराना है। 3 अप्रैल 2002 को प्रवीण तोगड़िया राजस्थान के श्रीगंगानगर पहुंचे। लेकिन उनके यहां पहुंचने से पहले ही पुलिस ने कर्फ्यू और निषेधाज्ञा लगा दी थी। प्रवीण तोगड़िया ने इस सरकारी आदेश को तोड़कर वहां सभा की थी। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने तोगड़िया समेत 17 लोगों पर केस दर्ज किया था।

मामले पर गृहमंत्री ने दी सफाई

इधर इस मामले में राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि पुलिस एक रुटीन के तहत वहां गई थी इससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया सोमवार (15 जनवरी) देर रात अहमदाबाद के शाहीबाग क्षेत्र के एक अस्पताल में बेहोशी की हालत में मिले थे। वह इससे पहले लापता बताए जा रहे थे। पुलिस का कहना है कि कुछ लोग उन्हें एक निजी अस्पताल चंद्रमणि में बेहोशी की हालत में लाए थे। चिकित्सकों का कहना है कि शरीर में शर्करा का स्तर कम होने की वजह से वह बेहोश हो गए थे। पुलिस ने बताया कि उन्हें सोमवार रात लगभग 9.20 बजे अस्पताल मे भर्ती कराया गया।

‘पुराने मामले को लेकर निशाना बनाया जा रहा है’

तोगड़िया ने अहमदाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उन्हें एक दशक पुराने मामले को लेकर निशाना बनाया जा रहा है और उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘राजस्थान पुलिस की टीम मुझे गिरफ्तार करने के लिए आई थी। किसी ने मुझे बताया कि मुझे मारने की योजना थी। ‘

(साभार- जनसत्ता)

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