Varanasi: सेटेलाइट से कसेंगे अवैध निर्माणों पर शिकंजा
वाराणसी विकास प्राधिकरण ने नवीन तकनीकी मुहैया करने वाली विश्वस्तरीय कंपनी के साथ किया अनुबंध
Varanasi: वाराणसी विकास प्राधिकरण ने विश्वस्तरीय जियोट्रिक कंपनी के साथ अवैध निर्माण पर शिकंजा कसने के लिए अनुबंध किया है. जियोट्रिक कंपनी सेटेलाइट सूचनाओं के आधार पर भवन निर्माण की सबसे सटीक जानकारी और विश्लेषण प्रदान करता है. इसके माध्यम से प्राधिकरण त्वरित करवाई करते हुए जनपद में अवैध निर्माण को रोक सकेगा. साथ ही इस से राजस्व वसूली में भी वृद्धि होगी.
वीडीए उपाध्यक्ष ने दी जानकारी
वीडीए उपाघ्यक्ष पुलकित गर्ग ने मीडिया कर्मियों को बताया की ये एक ऐतिहासिक पहल है. इस तकनीक के माध्यम से वाराणसी में भवन निर्माण के मानकों को पूरा करने में कामयाबी मिलेगी. साथ ही अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों पर कानूनी कारवाई का साक्ष्य भी बनेगी.
प्राधिकरण की राजस्व वृद्धि और अवैध निर्माण को रोकने की पहल में प्राधिकरण और कंपनी के बीच एचडीएफसी बैंक ने अपनी डिजिटल इंडिया मुहीम को आगे बढ़ाने और विश्वस्तरीय सेवा की प्रतिबद्धता को निभाते हुए जोनल हेड मनीष टंडन के मार्गदर्शन में इस खर्च को वहन करने की जिम्मेदारी निभाई है. अनुबंध के अवसर पर वाराणसी विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग, ज्योट्रिक्स के अक्षत चौहान, एचडीएफसी बैंक के क्लस्टर हेड रोहित खन्ना एवं संतोष कुमार उपस्थित थे.
प्रतिबंधित क्षेत्र में बनेगी ऊंची बिल्डिंग
वाराणसी शहर के प्रतिबंधित क्षेत्र में अब 17.5 मीटर ऊंची बिल्डिंग बनाई जा सकेगी. इसके पहले मात्र 12 मीटर तक की अनुमति दी गयी थी. साथ ही डीएम, कमिश्नर और जिला जज आवास, सर्किट हाउस आदि प्रतिबंधित क्षेत्र में 12.5 मीटर के दायरे को समाप्त कर उन्हें 17.5 मीटर कर दिया गया है.
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विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने मंगलवार को संशोधित महायोजना 2031 का अनावरण करते हुए इसका एलान किया. नगर नियोजक प्रभात कुमार ने बताया कि सारनाथ क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण पर प्रतिबंध हटाते हुए पुरातत्व विभाग से संपर्क स्थापित कर आवासीय निर्माणके लिए अनुमति प्रदान की गई है. साथ ही सारनाथ में हेरिटेज जोन क्षेत्र को 349 हेक्टेयर से कम कर मात्र 51 हेक्टेयर तक रखा गया है.