वाराणसी: कुंभ में गैर हिन्दुओं के आने पर लगाई जाए रोक…

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वाराणसी: अस्सी स्थित डुमरा बाग कॉलोनी में काशी में सुमेरु पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती की अध्यक्षता में संतों की बैठक हुई.इसमें स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा कि कुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर तत्काल रोक लगाई जाए. पहले भी कई ऐसे वीडियो आए हैं जिसमें विशेष वर्ग के लोग ऐसा करते दिखाई दे रहे हैं जो हमारे सनातन आस्था को ठेस पहुंचाएगा.उन्होंने कहा कि यह कुंभ शुद्ध सनातनियों का मेला है. जो भी सनातन धर्म नहीं मानता, उन लोगों को कुंभ में प्रवेश नहीं देना चाहिए. अगर मक्का और मस्जिदों में हिंदुओं का प्रवेश नहीं है तो फिर सनातनियों के कुंभ में इन लोगों का प्रवेश नहीं होना चाहिए.

कुंभ है आस्था का केंद्र

स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- कुंभ हमारी आस्था, शक्ति और भक्ति का केंद्र है. कुंभ में राजश्री और तांसी शक्तियों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया. इसका उद्देश्य था अमृत. वर्तमान में जो सनातन पर खतरे हैं.विश्व पटल पर विश्व युद्ध की संभावनाएं प्रबल हो रही हैं.इन परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए सनातन में धर्मांतरण खूब हो रहा है, सनातनियों के आस्था के केंद्र को सरकारों ने जो कब्जा कर रखा है सरकारी नियंत्रण से इस देश के मठ और मंदिर मुक्त हो.सनातनियों के हाथ में उसका नियंत्रण हो. उन्होंने कहा कि आज इन सभी बिंदुओं पर काशी के संतों के साथ बैठक की गई और कुंभ में भी इसी बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी, जिससे विश्व में शांति सद्भाव और एकता हो.

स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- बहराइच की घटना हो या फिर दिल्ली में रामनवमी की जयंती, सनातन हिंदू की यात्रा पर आक्रमण हुए. यहां संतों का मूल बिंदु था कि हम अपनी उपासना को बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि हमारे आराध्य शिव हैं, उनके उपासना से हम मृत्यु पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज विभाजित, विखंडित ना हो, इसके लिए हम पूरे देश में यात्रा करेंगे.

कुंभ में संतों के मतभेद को दूर करने की बात पर उन्होंने कहा कि वहां पर भूमि को लेकर कोई झगड़ा नहीं था. उन्होंने कहा कि जब सन्यासी संत पहुंचे तो उनके अनुयायियों ने हर हर महादेव बोले और वैष्णव लोग सीताराम बोलते हैं. वैष्णव लोगों ने इसका प्रतिकार किया जिस पर आपसी मतभेद हुआ था जिसे बैठकर सुलझा लिया गया.

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कुंभ होगा काफी दिव्य व भव्य

उन्होंने कहा कि अब वह विवाद पूर्णता समाप्त हो गया है. उन्होंने कहा कि इस बार का कुंभ काफी भव्य और दिव्या होगा, संतों में कोई मतभेद नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अगर 1% कोई विवाद होता भी है तो उसे बातचीत करके तत्काल हल कर दिया जाएगा.भारत का मस्तक ललाट कश्मीर था.आज कश्मीर में पुनः 370 और 35A दफन हो चुका है उसे लोग पुनः लाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत को अखंड और एक रहने के लिए सरकार ने कानून बनाया है तो वह लोग यह भूल जाए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उसको अनुमोदन कर दिया है.उन्होंने कहा कि जो जनप्रतिनिधि चुनकर जाते हैं वह देश की अखंडता के लिए कम करें. उन्होंने कहा कि अगर देश तोड़ने का काम करेंगे तो ऐसी शक्तियों को बेनकाब करने के लिए संतों को उतरना पड़ेगा.

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