वाराणसी: बाबा विश्वनाथ के महाप्रसाद की सैम्पलिंग,अधिकारियों ने पाई संतुष्टि, सब कुछ रहा ठीक…
श्रद्धालु हर दिन करीब एक हजार किलो महाप्रसाद यानी लड्डू खरीदते हैं.
जबसे इस बात का खुलासा हुआ है कि तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटे जाने वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी मिली होती है तब से काफी ज्यादा विवाद हो रहा है. इस दौरान तिरुमाला तिरूपति मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी रमण दीक्षाथलु ने बड़ा खुलास किया है. रमण दीक्षाथलु ने कहा है कि ‘मैं इसे कई साल पहले जानता था.’ इससे और भी कई सवाल खड़े हो गए हैं. बढ़ते विवाद के बीच इसको लेकर देश भर के बड़े मंदिरों में बनने वाले प्रसाद की गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता पर सवाल उठ रहे हैं और सभी मंदिर अपने-अपने तरीके से आश्वस्त होने की कोशिश कर रहे हैं. इनमें वाराणसी का द्वादश ज्योतिलिंग काशी विश्वनाथ मंदिर भी शामिल है, जहां से श्रद्धालु हर दिन करीब एक हजार किलो महाप्रसाद यानी लड्डू खरीदते हैं. लड्डू बनाने के दौरान उसकी गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता की जांच करने काशी विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम शंभू शरण सिंह पहुंचे.
जहां प्रसाद की सैम्पलिंग हुई और सब कुछ ठीक मिला. उन्होंने लड्डू बनाने की पूरी प्रक्रिया को शुरू से लेकर आखिर तक जांचा और उनकी पूरी टीम ने खुद भी लड्डू चखा. इस दौरान उन्होंने बताया कि जब से तिरुपति बालाजी के प्रसाद की खबर मीडिया में आई है, तब से काशी विश्वनाथ मंदिर पूरी तरह से प्रसाद की जांच में जुट गया है.
बाबा के प्रसाद की सैंपलिंग
काशी विश्वनाथ मंदिर में पूरे देश में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं. जिसका ध्यान रखते हुए प्रसाद की गुणवत्ता की जांच खाद्य विभाग द्वारा की जाती है ताकि गुणवत्ता बनी रहे. जहां मी की लैब रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें किसी भी तरह की कोई समस्या औरगड़बड़ी नहीं मिली है. वहीं एक बार फिर से इसकी सैंपलिंग , संतुष्टि के लिए की जा रही है.
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वहीं जो लड्डू बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाता है उसे मंदिर के पुजारी खुद बनाते है. इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की सप्लाई के लिए वेंडर से टाइअप किया हुआ है.
गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता का पूरा ख्याल
काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रसाद लड्डू के रूप में बनाने वाले हलवाईयों ने बताया कि प्रसाद की शुद्धता, पवित्रता और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाता है.
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इस दौरान मजदूरों को लेकर उनके खान-पान का खास ख्याल रखा जाति है. जिसमें वह नशीले पदार्थों लहसून और प्याज का सेवन नहीं करते हैं. इसके साथ ही मजदूर मास्क पहनकर लड्डू बनाते हैं. उन्हें खाने-पीने के लिए भवन से बाहर दूसरी जगह जाना पड़ता है और शौच के लिए भी दूसरी जगह जाना पड़ता है.
प्रसाद बनाते हैं सनातनी
पूरी साफ-सफाई का ख्याल रखते हुए लड्डू बनाया जाता है और यह लड्डू सिर्फ सनातनि यों के द्वारा बनाया जाता है. इसके अलावा इसे बनाने की इजाजत किसी को नहीं दी जाती है. प्रसाद बनाने से पहले हलवाई स्नान करते हैं और फिर लड्डू बनाना शुरू करते हैं. जिसमें पूरी साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है.