कैसा बीता काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का सावन…क्या थी व्यवस्था, कितनी रही संख्या
काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के पहले व अंतिम सोमवार को दर्शनार्थियों की कुल संख्या व व्यवस्थाएं.
काशी में सावन के 5वें और आखिरी सोमवार को शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई. सुबह से ही भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में कतार में नजर आएं. ऐसी ही एक अद्भूत झलक उत्तर प्रदेश के बाबा शिव की नगरी वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में देखने को भी मिली. जहां हर साल की तरह काशी विश्वनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में शिवभक्त पहुंचे रहे. यहां देर रात से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा. मंगला आरती के बाद बाबा के भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन करना शुरू कर दिया. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई थी. बताया गया कि श्रद्धालुओं को तीन मुख्य द्वारों से दर्शन-पूजन कराया गया. भक्तों ने बाबा के दर्शन के साथ-साथ माता पार्वती, भगवान गणेश के भी दर्शन किये. इस दौरान मंदिर का पूरा परिसर हर-हर महादेव से गूंजता रहा. इसके साथ ही सावन के 29 दिन में 53.84 लाख से अधिक भक्तों ने बाबा के दर्शन व पूजन किए थे.
29 दिनों में 53 लाख श्रद्धालु पहुंचे
22 जुलाई से शुरू हुए भगवान शिव का अतिप्रिय महीना सावन के 29 दिन में काशी विश्वनाथ मंदिर में 53 लाख 84 हजार से अधिक भक्तों ने बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया. बढ़ते हुए बाबा के भक्तों की संख्या के कारण वाराणसी में निवास कर रहे लोगों और दैनिक दर्शनार्थियों को दर्शन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. हालांकि इनके लिए विशेष द्वार बनाया गया था.
सावन के पहले व अंतिम सोमवार को दर्शनार्थियों की कुल संख्या
जहां सावन के पहले सोमवार को काशी द्वार से सुबह 4 बजे से 5 बजे तक 721 शिव भक्तों ने दर्शन किए थे. वहीं शाम 4 बजे से 5 बजे के मध्य 588 दर्शनार्थियों ने बाबा के दर्शन किए. बाबा के दरबार में पहले इस गेट के जरिए में कुल 1309 भक्तों ने हाज़िरी लगाई थी.
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मंदिर में पहले सोमवार के शुभ अवसर पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में रात 08:00 बजे तक पधारे दर्शनार्थियों की कुल संख्या 269309 थी. इसके साथ ही अंतिम सोमवार के दिन 19 अगस्त को धाम में पधारे दर्शनार्थियों की कुल संख्या रात के 11 बजे तक 202756 तक रही.
वाराणसी प्रशासन की व्यवस्थाएं
सावन के महीने में मंदिर परिसर में पीने का पानी, चिकित्सकीय प्रबंधन, भीड़ प्रबंधन, पीए सिस्टम, साफ-सफाई आदि व्यवस्थाएं लागू की गई थी. इनको लागू करने के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने सभी विभागों को आपस में समन्वय स्थापित कर प्रभावी तौर पर निर्देशित जारी किए थे. धाम में सुरक्षा को देखते हुए सभी बिजली के उपकरणों, सीसीटीवी, अग्निशमन इत्यादि व्यवस्थाओं को पूरा किया गया था.
मंदिर प्रशासन द्वारा किया गया प्रबंध
वहीं श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन द्वारा धाम में दर्शनार्थियों के आवगमन की भी पूरी तैयारियां की गई थी. इसके लिए पहली बार सिल्को द्वार से भी प्रवेश की व्यवस्था की गई और पहली बार ही जिग जैग रेलिंग में ऊपर एवं नीचे दोनों तरफ बैरिकेड लॉग बंधवा कर भीड़ के दबाव को और अधिक रोकने की व्यवस्था भी गई थी.
उमस एवं गर्मी से राहत
इसी तरह इस साल ही पहली बार सावन में श्रद्धालुओं को इंडस्ट्रियल एयर कूलर के माध्यम से उमस एवं गर्मी से राहत मिल सके. इसके लिए थोड़ी -थोड़ी दूरी पर शीतल पेय जल की व्यवस्था की गई थी. इसके साथ ही चिकित्सकीय प्रबंध एवं ओआरएस की व्यवस्था भी की गई थी.