वाराणसी की सड़कें हुई जलमग्न, बारिश को लेकर तमाम दावें धराशाई
हर वर्ष बारिश के मौसम में बनारस जलमग्न हो जाता है. शहर की प्रमुख सड़कों पर थोड़ी बारिश से ही पानी जमा हो जाता है. वहीं इस साल भी कुछ ऐसा ही होने की उम्मीद है. बता दें कि शहर में नालों की सफाई का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. जिन जगहों पर सफाई हुई है, वहां सिल्ट अब भी वैसे ही पड़े हैं. इसको लेकर पूर्व में किए गए नगर निगम के तमाम दावों की पोल खुल गई है. ऐसे में मंगलवार को हुई बारिश के बाद बुधवार की सुबह शहर की कई सड़कें जलमग्न हो गईं. शहर के तमाम इलाकों से ऐसी तस्वीरें देखने को मिली है.
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150—200 नाले में नहीं हो सकी है पूरी सफाई
वाराणसी शहर के 150-200 से अधिक छोटे-बड़े नाले में अब तक सफाई नहीं हो सकी है जिससे वे अब भी चोक हैं. नगर निगम के दावों के मुताबिक अब तक 71 बड़े और 90 छोटे नालों को साफ कर लिया गया है. हालांकि, अब भी ढ़ेरों ऐसे इलाके हैं जहां नाले चोक है. कई नाले ऐसे हैं, जिनमें अभी तक फर्राटी भी नहीं लगी है.
सफाई के लिये प्रयोग में आ रही मशीन
वाराणसी के नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के मुताबिक नालों की सफाई के लिए फ़ासी मशीन खरीदी गई है. इस मशीन से कम मैनपॉवर में नाली की सफाई हो पा रही है. पहली बार बनारस में इस मशीन के जरिए नाली सफाई का काम जारी है. शहर के सुदामापुर, पांडेयपुर, भेलूपुर , सिगरा, मलदहिया समेत कई इलाकों में इस मशीन से नालों की सफाई हुई है. वहीं नगर आयुक्त और महापौर इसका स्थलीय निरीक्षण भी कर रहे हैं और खामियों को भी दूर किया जा रहा है.
कई जगह पड़े सिल्ट से हो रही है परेशानी
शहर में नालों की सफाई का अभियान कई महीनों से चल रहा है लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है. वहीं नालों से निकले सिल्ट को सड़क के किनारे रखने से दुर्गंध फैल रही है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बारिश होने के बाद पूरा मलबा पानी के साथ सड़क पर फैल गया है जो स्थानीय लोगों के स्वास्थ के लिये हानिकारक है. हालांकि कुछ इलाकों से सिल्ट को हटाने का काम नगर निगम ने शुरु कर दिया है.