अब हाईटेक हुए बनारस के कुम्हार, इलेक्ट्रिक चाक से बनाएंगे कुल्हण

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आने वाले दिनों में देश के सभी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर मिट्टी के बने कुल्हण में ही चाय, दूध और लस्सी परोसी जाएगी। सरकार की कोशिश है कि देश के कुम्हारों को स्वावलंबी बनाकर अधिक से अधिक मिट्टी के बने बर्तन का प्रोडक्शन किया जाए, ताकि देश के लगभग 400 रेलवे स्टेशन पर इसकी सप्लाई हो सके। दरअसल वाराणसी खादी ग्राम उद्योग इन दिनों पीएम नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने में जुटा है। कुम्हार समाज को स्वावलंबी बनाने के लिए खादी ग्रामोद्योग की ओर से सोमवार को कुम्हार सशक्तिकरण मिशन के तहत 200 कुम्हार परिवारों को इलेक्ट्रानिक चाक दिया गया।

कुम्हारों को दिया जा रहा है विशेष प्रशिक्षण

कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत बनारस के कुम्हारों को विशेष रुप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके तहत इलेक्ट्रानिक चाक चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। साथ ही मार्केटिंग के भी गुर सिखाए जा रहे हैं। खादी ग्रामोद्योग विभाग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना के मुताबिक आने वाले दिनों में 25 हजार कुम्हारों को इलेक्ट्रॉनिक चाक दी जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फिलहाल वाराणसी, इलाहाबाद सहित कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर इन कुल्हणों की सप्लाई की जा रही है। आने वाले दिनों में इसे देश के 400 रेलवे स्टेशनों पर लागू करने की योजना है।

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6 शहरों में खुलेगा खादी मार्ट

खादी को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार तमाम कोशिशें कर रही है। इसी के तहत आने वाले दिनों में प्रदेश के 6 शहरों में खादी मार्ट खोला जाएगा। फिलहाल पहले चरण में वाराणसी के अलावा लखनऊ और आगरा में इस तरह के मार्ट खोले जाएंगे। जबकि दूसरे चरण में प्रयागराज, कानपुर के अलावा मेरठ में खोले जाने की योजना है। मार्ट में खादी व ग्रामोद्योग के सामान के शोरुम होंगे।

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