वाराणसी: ज्ञानवापी के अतिरिक्त सर्वे की मांग में प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया को पक्ष रखने का अवसर

ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार......

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ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर 1991 में दाखिल मुकदमे में वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से ज्ञानवापी परिसर की एएसआई से अतिरिक्त सर्वे कराने की प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सुनवाई हुई.

प्रार्थना पत्र स्वीकार करने योग्य नहीं – अधिवक्ता तौहिद खान

इस दौरान प्रतिवादी संख्या दो सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से अधिवक्ता तौहिद खान ने पक्ष रखा. उन्होंने वादमित्र की प्रार्थना पत्र पर आपत्ति करते हुए दलील दी कि एएसआई की ओर से दाखिल सर्वे की मूल रिपोर्ट पर वादी पक्ष द्वारा कोई आपत्ति नहीं की गई और न ही मूल रिपोर्ट का निस्तारण ही किया गया.

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ऐसे में वाद मित्र का अतिरिक्त सर्वे कराने का प्रार्थना पत्र स्वीकार करने योग्य नहीं है, इसे निरस्त किया जाना चाहिए.

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पूर्व के सर्वे में कौन से बिंदु नहीं

वकील तौहिद खान की बहस पूरी होने के बाद सिविल जज (सीनियर डिवीजन/फास्ट ट्रैक) युगुल शंभू ने प्रतिवादी संख्या एक अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद को पक्ष रखने का अवसर देते हुए तीन अक्टूबर की तिथि जारी की है. साथ ही कहा कि पूर्व के सर्वे में कौन से बिंदु नहीं है या छूट गये हैं, इसका पता करें.

स्वयंभू विश्वेश्वर  ज्योतिर्लिंग के लिए सर्वे की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र

बता दें कि स्वयंभू विश्वेश्वर  ज्योतिर्लिंग की ओर से स्व. पं. सोमनाथ व्यास, डा. रामरंग शर्मा व स्व. पं. हरिहर नाथ पांडेय द्वारा दाखिल इस मुकदमे के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने सात फरवरी 2024 को ज्ञानवापी में अतिरिक्त सर्वे की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र दिया है.

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अदालत में उन्होंने अपना पक्ष रख दिया है और अब अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद को जवाब देना है.

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