वाराणसी: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में आज से मिलने लगा नया महाप्रसाद, क्या है इसकी खासियत

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वाराणसी:  तिरुपति प्रसादम विवाद के बाद वाराणसी के श्रीकाशी विश्वानाथ मंदिर में आज से नये प्रसाद की व्यवस्था शुरू की गई है. पिछले पांच सालों से चले आ रहे प्रसाद को बदलने के साथ विजयदशमी के शुभ अवसर पर काशी विश्वानाथ मंदिर न्यास ने बनास अमूल के सहयोग से निर्मित “तंदुल महाप्रसाद” को आम श्रद्धालुओं के लिए भी उपलब्ध कराया है. आज दोपहर भोग आरती के दौरान इस महाप्रसाद को बाबा विश्वरनाथ को अर्पित कर भक्तों में वितरण के लिए खोल दिया गया.

महाप्रसाद में ये हुआ बदलाव

वाराणसी मंडल के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने इस महाप्रसाद के उद्घाटन के अवसर पर बताया कि मंदिर में देश विदेश के श्रद्धालु आते हैं. वे महाप्रसाद अपने घरों को भी ले जाते हैं. पहले इस काम को स्वयं सहायता समूह के जरिए मंदिर न्यास अन्य लोगों के माध्यम से कराता था. लेकिन तीन तहीने पूर्व मंदिर न्यास की बैठक में बाबा का प्रसाद स्वयं मंदिर द्वारा बनाने का निर्णय लिया गया. आज विजयदशमी के अवसर पर पहला प्रसादम बाबा विश्वनाथ को चढाया गया. इसके बाद मंदिर परिसर में ही लगे स्टालों से प्रसाद की बिक्री शुरू हो गई. ये प्रसाद समस्त शास्त्र सम्मत है.

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इनसे तैयार हो रहा प्रसाद, ये है कीमत

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शास्त्रों के अध्ययन के बाद चावल के आटे, चीनी और बेलपत्र के चूर्ण से महाप्रसाद को बनाया गया है. मंदिर में चढाए गए बेलपत्र का ही पाउडर बनाकर इसमें मिलाया गया है. इस प्रसाद को बनास डेरी द्वारा अमूल प्लांट में तैयार किया जा रहा है. मंडलायुक्त के अनुसार प्रसाद को बनाने वाले सभी कारीगर हिंदू रिति रिवाज का पालन करेंगे और इसे बनाने वालों को पहले स्नान करना अनिवार्य होगा. 200 ग्राम प्रसाद की कीमत 120 और एक किलोग्राम की कीमत 600 रुपये रखी गई है. प्रसाद छह महीने तक मंदिर परिसर से ही बिकेगा.

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