बजबजा रही वह गली जहां पीएम मोदी ने झाड़ू लगाकर दिया था यह संदेश…

आज वाराणसी के नगर निगम, जल कल विभाग पर पूरी तरह से चरितार्थ है. हम बात कर रहे हैं आसि से नगवा जाने वाले रोड में जगन्नाथ मन्दिर गली की, जो अपनी बेबसी पर आंसू बहाते हुए बजबजा रही है.

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गांव की पुरानी कहावत है नौ दिन चले अढ़ाई कोस, जो आज वाराणसी के नगर निगम, जल कल विभाग पर पूरी तरह से चरितार्थ है. हम बात कर रहे हैं आसि से नगवा जाने वाले रोड में जगन्नाथ मन्दिर गली की, जो अपनी बेबसी पर आंसू बहाते हुए बजबजा रही है. सबसे बड़ी बात ये है कि यह वही आसि जगन्नाथ मंदिर गली है, जिसमें वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रथम कार्यकाल में झाड़ू लगाकर पूरे देश को स्वच्छता का संदेश दिया था.

शायद इसलिए अधिकारी बरत रहे हैं लापरवाही

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि शायद इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को प्रधानमंत्री द्वारा इस गली में झाड़ू लगाना ठीक नहीं लगा इसलिए वे इस गली के प्रति लापरवाह रहते हैं. इस पूरे असि जगन्नाथ मंदिर गली समेत पुष्कर तालाब क्षेत्र की स्थिति काफी खराब है.

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जगह-जगह जहां सीवर जाम है वहीं गली में बड़े-बड़े गड्ढे हैं. प्रतिदिन कूड़ा नहीं उठाए जाने की वजह से गलियां व नालियां बजबजा रही हैं लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार हैं. लोगों ने आरोप लगाए कि इस बारे में क्षेत्रीय पार्षद, अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है.

एक के बाद एक खोदे गए गड्ढे

इस गली के आगे बाजपेई मंदिर के पास पिछले दो हफ्ते से एक गड्ढा बना हुआ है लेकिन अभी तक उसे (भरा) पाटा नहीं गया है. पहले क्षतिग्रस्त सीवर की टंकी को नगर निगम, जलकल के कर्मचारियों ने ठीक किया फिर पता चला की पानी के पाइपलाइन में लीकेज है. इसके लिए फिर उसको ठीक करने के लिए और बड़ा गड्ढा खोदा गया और फिर उसे ठीक करके इस गड्ढे को ऐसे ही खुला छोड़ दिया गया.

क्या तकनीकी विशेषज्ञ को बुलाकर पाटेंगे गड्ढा

स्थानीय लोगों के अनुसार आसि से जगन्नाथ मंदिर जाने वाला यह मार्ग अति व्यस्त मार्ग है. अवकाश के दिन खासकर शनिवार व रविवार को तो इस मार्ग पर काफी भीड़भाड़ रहती है. इसके बावजूद नगर निगम और जलकल द्वारा इस तरह की लापरवाही समझ से परे है. इसी तरह का एक गड्ढा पुष्कर तालाब के पास भी है. यह गड्ढा उससे भी ज्यादा जानलेवा है जो एक महीने से खोदकर छोड़ दिया गया है.

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पता नहीं कब यह गड्ढा भरा जाएगा, शायद नगर निगम और जलकल के अधिकारियों को किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है दुर्घटना के बाद वह त्वरित कार्रवाई करके इस गड्ढे को पाटेंगे या तो नगर निगम और जलकल के पास गड्ढा पाटने वाले सक्षम कर्मचारी नहीं है.

वह विदेश से किसी गड्ढा पाटने वाले तकनीकी विशेषज्ञ को बुलाएंगे और इसे पाटेंगे. अब लोगों को भी इंतजार है कि किसी हमारे मोहल्ले के नागरिकों या राहगीरों का हाथ पैर टूटेगा और तब जिला प्रशासन, नगर निगम और जलकल विभाग अलर्ट होगा.

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