वाराणसी नगर निगम ने जारी की एडवायजरी, मौसम को देखते हुए लिया गया फैसला

सोनभद्र (मध्य) से वाराणसी तक तेज हवा, भारी वर्षा, वज्रपात की चेतावनी

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उत्तराखंड और अन्य शहरों में भारी बारिश और तुफान के चलते अब मौसम विभाग ने कुछ फैसले लिए हैं. जिनमें प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद सोनभद्र (मध्य) से वाराणसी तक के क्षेत्र में तेज हवा, भारी वर्षा, वज्रपात की चेतावनी प्राप्त हुई है. ऐसी स्थिति में नगर निगम, वाराणसी द्वारा आम जनमानस अपील की जाने के साथ एडवायजरी जारी की गई है. जिसमें इस आंधी तूफान और चक्रवात जैसी स्थितियों में क्या करना चाहिए व क्या नहीं इसकी पूरी जानकारी दी गई है.

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आंधी तूफान और चक्रवात में क्या करें, क्या न करें

आंधी तूफान और चक्रवात जैसी स्थिति में सबसे पहले क्या करना चाहिए आइए जानते हैं.. जहां शांत रहें, घबराएं नहीं व अफवाहों पर ध्यान न दें. सम्पर्क क्षेत्र में बने रहने के लिए अपने मोबाइल फोन चार्ज रखें और मोबाइल एसएमएस का इस्तेमाल करें. मौसम की अद्यतन जानकारी रखें. अपने जरूरी कागजात व कीमती सामान एक जलरोधक थैले में रखें. एक आपदा किट अवश्य तैयार रखें, जिसमें सुरक्षित रहने का आवश्यक सामान हो. बच्चों हेतु पूर्व में ही दूध एवं दवा का प्रबंध कर लें. बुजुर्ग या घर में कोई बीमार हो तो उसकी दवा का प्रबंध पूर्व में ही कर लें. इसी के साथ टार्च एवं सोलर लाइट घर में अवश्य रखें. यदि आपका घर असुरक्षित है, तो आंधी तूफान/ चक्रवात से पूर्व किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं. अपने घरों, इमारतों को सुदृढ़ करें, जरूरी मरम्मत कराएं व नुकीलें सामान को खुला न छोड़ें.

आंधी तूफान और चक्रवात के दौरान यदि आप घर के अन्दर हैं तो क्या करें.

सबसे पहले आंधी, तूफान और चक्रवात जैसी स्थिति में बिजली का मेन स्विच व गैस सप्लाई तुरंत बन्द कर दें. दरवाजे एवं खिड़की बन्द रखें. इसी के साथ आवश्यक तौर पर उबला हुआ या क्लोरीनयुक्त पानी ही पिएं. वहीं सिर्फ आधिकारिक चेतावनी पर ही विश्वास करें एवं अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही अफवाह फैलायें.

आंधी तूफान/चक्रवात के दौरान बाहर हैं तो क्या करें

ऐसी स्थिति में क्षतिग्रस्त इमारत में न जाएं. बिजली के खम्भों, तारों व दूसरी नुकीली चीजों से बच कर रहें.जल्द से जल्द किसी सुरक्षित स्थान पर पहुँच कर आश्रय लें. वहीं नाविक और मछुआरे इस बात पर खास ध्यान दें कि नदी में नाव को ना ले जायें और न ही स्वयं नदी में जायें. नावों को सुरक्षित जगह पर बाँधकर रखें. विशेष तौर पर हेल्पलाइन नम्बर-0542-2508550 व 9140037137 का भी प्रयोग करें.

वज्रपात से बचाव हेतु क्या करें 

इसमें बचाव के लिए याद रखें, रबर सोल के जूते व टायर वज्रपात से सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं, अतः वज्रपात से बचाव के लिए सुरक्षित स्थान पर रहना ही उचित है. बिजली गिरने व चमकने को खिड़की से न देखें. बादलों की गड़-गड़ाहट का तेज व बार-बार होना बड़े खतरे की सूचना है. बादलों की गड़-गड़ाहट सुनायी देने पर या बिजली चमकती दिखायी देने पर तुरन्त सुरक्षित स्थान पर आश्रय लें. इसी के साथ वज्रपात के दौरान बिजली से चलने वाले मुख्य उपकरण जैसे फ्रिज, कम्प्यूटर, टेलीविजन आदि को विद्युत आपूर्ति लाईन से निकाल दें व मोबाइल का उपयोग न करें. वज्रपात के स्थिति में नल से होकर आ रहे पानी का उपयोग न करें, पानी के नल में विद्युत प्रवाह हो सकता है.

आपातकालीन स्थिति में क्या करना चाहिए

वहीं आपातकालीन सेवाओं का फोन नम्बर पास रखें. रेडियो से मौसम की जानकारी लेते रहें. बिजली चमकने की स्थिति में बाहर खुले में रहना सुरक्षित नहीं है. अतः तुरन्त सुरक्षित आश्रय में जायें. लम्बे पेड़, खम्बों या घातु की वस्तुओं से दूर रहें, यह वज्रपात को आकर्षित करते हैं.शरीर के बालों का खड़ा होना तथा त्वचा में झुरझुरी महसूस होना बताता है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है.वज्रपात के कारण घायल हो गये व्यक्ति को छूना पूर्णतः सुरक्षित है, इससे झटका नहीं लगता है. वज्रपात से घायल व्यक्ति को तत्काल अस्पताल ले जायें. कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें, बिजली गिरने के दौरान इनमें करंट प्रवाह हो सकता है.अगर आप तालाब, नदी, नहर तथा खेत में सिंचाई कर रहे हों तत्काल वहाँ से बाहर निकल कर सुरक्षित स्थान पर चलें जायें. बादलों में गड़-गड़ाहट होने पर मोबाइल फोन का प्रयोग न करें.चक्रवात एवं वज्रपात के सन्दर्भ में प्राप्त सही जानकारी को दूसरों तक पहुंचाएं.

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