वाराणसी: बाबा विश्वनाथ के दरबार में हुआ मुमुक्षु भवन का उद्घाटन, ‘अंतिम सांस’ के लिए 6 बुजुर्गों ने कराया रजिस्ट्रेशन
ऐसा कहा जाता है कि अपने जीवन की अंतिम सांस लेने वालों को मोक्ष की प्राप्ति काशी में ही मिलती है. इसी वजह से सदियों से लोग यहां आकर अपने प्राण त्यागना चाहते हैं. इसके चलते बाबा विश्वनाथ धाम में इस सुविधा का निर्माण किया गया है और मुमुक्षु भवन का उद्घाटन किया गया है. जिसका नाम वैधनाथ भवन दिया गया है. यहां मुमुक्षु भवन में मोक्ष की कामना करने वाले को पूरी हाईटेक व्यवस्था दी जा रही है.
मुमुक्षु भवन का उद्घाटन होते ही सबसे पहले 6 बुजुर्ग इस भवन में अपने जीवन का अंतिम सांस लेने के लिए आए हैं. इन बुजुर्गों ने यहां अपने जीवन के अंतिम सांस लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है.
मोक्ष भवन में जीवन के आखिरी पल बिताने वाले इन बुजुर्गों के रहने की उत्तम व्यवस्था की गई है. सोने के लिए बढ़िया बिस्तर, तकिया-चादर और भोजन की उत्तम व्यवस्था की गई है. ये सारी व्यवस्थाएं मंदिर प्रशासन की तरफ से बिल्कुल निशुल्क है. इस भवन में पहले चरण में कुल 40 बेड लगाए गए, जिसमें सबसे पहले सात बुजुर्गों ने एंट्री ले ही है. अब यहां बुजुर्ग अपनी मौत का इंतजार करेंगे.
खास बात यह है कि धाम में तैयार इस भवन में एंट्री के लिए जो बुजुर्ग यहां आखिरी समय बिताने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे, उनको बाबा विश्वनाथ के चरणों में जाने के लिए ज्यादा दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि के यह भवन, बाबा के गर्भगृह के परिसर से बिल्कुल नजदीक है. इस भवन में फुल एयर कंडीशन हॉल है और सभी बुजुर्गों के लिए अलग आलमारी भी है. काशी विश्वनाथ धाम के मुमुक्षु भवन में रहने वाले मोक्षार्थियों की देखभाल के लिए राजस्थान के उदयपुर की सामाजिक संस्था ‘तारा’ को जिम्मेदारी सौंपी गई है.