वाराणसी: आईआईटी (बीएचयू) और टाटा स्टील ने आयोजित किया स्टील और निर्माण पर दो दिवसीय कार्यशाला
वाराणसी: आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग और टाटा स्टील लिमिटेड ने 3 से 4 दिसंबर 2024 तक ‘कंस्ट्रक्टिव इनसाइट्स: ए वर्कशॉप ऑन स्टील एंड कंस्ट्रक्शन प्रैक्टिसेज’ नामक दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम टाटा टिस्कॉन द्वारा आयोजित था और इसका उद्देश्य 65 से अधिक पेशेवर सिविल इंजीनियरों, आर्किटेक्ट्स और डेवलपर्स की जानकारी और विशेषज्ञता को बढ़ाना था, ताकि वे सुरक्षित और सतत आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कर सकें.
कार्यक्रम में रतन टाटा की दी गयी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पूजा अर्चना से हुई, जिसके बाद सर रतन टाटा जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उद्घाटन सत्र में आईआईटी (बीएचयू) के कई प्रमुख फैकल्टी सदस्य उपस्थित थे, जिनमें पूर्व प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार, प्रोफेसर शशांकशेखर मंडल (सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष), प्रोफेसर राजेश कुमार, प्रोफेसर कृष्णा कान्त पाठक, प्रोफेसर पबित्र रंजन मैती, डॉ. सुप्रिया मोहंती, डॉ. क्षितिज कुमार यादव, डॉ. विश्वजीत आनंद, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. रोसलिन साहू, डॉ. शमीम मुस्तफा और डॉ. स्नेहा. इन विशेषज्ञों ने निर्माण सामग्री, संरचनात्मक सुरक्षा डिज़ाइन, सतत निर्माण प्रथाओं, गुणवत्ता नियंत्रण और संरचनात्मक रेट्रोफिटिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार साझा किए.
टाटा स्टील और टाटा टिस्कॉन के प्रतिष्ठित अधिकारी श्री विवेक राय (हेड, नॉर्थ, प्रोडक्ट एप्लिकेशन ग्रुप) और श्री हेमंत भार्गव (चीफ सेल्स मैनेजर) ने भी इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
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कार्यक्रम में इन लोगों ने किया प्रतिभाग
कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण सत्रों की सराहना की और बताया कि यह उनके व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाने में अत्यधिक प्रभावी और प्रासंगिक थे. उन्होंने ऐसे आयोजनों के अधिक नियमित रूप से होने की आवश्यकता पर बल दिया. इस कार्यक्रम की सफलता में आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के डॉ. विश्वजीत आनंद, डॉ. महेंद्र कुमार पाल और उनके शोध छात्रों की टीम, साथ ही टाटा स्टील की श्रीमती अपूर्वा गुप्ता, श्री हर्षवर्धन पारिख और उनकी टीम की उत्कृष्ट संगठनात्मक प्रयासों का विशेष योगदान रहा.यह कार्यशाला आधुनिक निर्माण प्रथाओं के बारे में गहरी समझ विकसित करने के अपने उद्देश्य में सफल रही, जिसमें सुरक्षा, स्थिरता और गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया गया.