वाराणसी को मिली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की सौगात, पीएम मोदी ने रखी आधारशिला…
एक लम्बे इंतजार के बाद ही सही लेकिन वाराणसी वासियों को आज यानी शनिवार को पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की नींव रखी। इस खास मौके पर 1983 विश्व कप लाने वाली टीम के 10 सदस्यों को विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। इसके साथ ही इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीसीसीआई सेक्रेटरी जय शाह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, आज एक बार फिर से मुझे वाराणसी आने का मौका मिला है।
इसके साथ ही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘आज में एक ऐसे दिन काशी आया हूं, जब चंद्रमा के शिव शक्ति प्वाइंट तक पहुंचने को भारत को एक महीना पूरा हो गया है. शिव शक्ति चांद का वह प्वाइंट है, जहां पिछले महीने 23 तारीख को हमारा चंद्रयान लैंड हुआ था. उन्होंने कहा कि एक शिव शक्ति का स्थान चंद्रमा पर है, दूसरा शिव शक्ति का स्थान मेरी काशी में है. आज शिव शक्ति के स्थान से भारत के विजय की मैं फिर से बधाई देता हूं’
‘स्टेडियम का डिजाइन स्वयं महादेव को समर्पित’- पीएम मोदी
लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि काशी में आज इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी गई है। ये स्टेडियम वाराणसी और पूर्वांचल के युवाओं के लिए वरदान जैसा होगा। ये स्टेडियम बनकर जब तैयार हो जाएगा, तो यहां पर एक साथ 30 हजार से ज्यादा लोग मैच देख पाएंगे। मैं जानता हूं कि जब से स्टेडियम की तस्वीरें बाहर आई हैं, हर काशीवासी गदगद हो गया है। महादेव की नगरी में बन रहे स्टेडियम का डिजाइन स्वयं महादेव को समर्पित है।
पूर्वांचल का सितारा बनेगा ये स्टेडियम
पीएम मोदी ने कहा कि, यहां पर क्रिकेट के एक से बढ़कर एक बेहतरीन मैच होंगे. स्टेडियम में स्थानीय खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग का मौका मिलेगा. इसका बहुत बड़ा लाभ मेरी काशी को होगा. आज क्रिकेट के जरिए दुनिया जुड़ रही है. उन्होंने कहा कि जाहिर है आने वाले दिनों में क्रिकेट मैचों की संख्या भी बढ़ने वाली है. वाराणसी का ये इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम इस डिमांड को पूरा करेगा. ये स्टेडियम का पूर्वांचल का चमकता हुआ सितारा बनने वाला है.
जो खेलेगा, वही खिलेगा : पीएम मोदी
लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, जब इतना बड़ा स्टेडियम बनता है, तो इसका असर न सिर्फ खेल पर पड़ता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर देखने को मिलता है. यहां पर स्पोर्ट्स से जुड़े बहुत से स्टार्टअप्स और कोर्स शुरू होंगे. आने वाले दिनों में वाराणसी में एक बहुत बड़ी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री भी आएगी. एक वक्त था, जब माता-पिता बच्चों को डांटते थे कि क्या सिर्फ खेलते ही रहोगे, पढ़ाई नहीं करोगे. लेकिन अब समाज की सोच बदल रही है. बच्चे तो पहले से ही स्पोर्ट्स में दिलचस्पी दिखाते थे, लेकिन अब माता-पिता भी इसे लेकर गंभीर हुए हैं. देश का मिजाज ऐसा बना है कि अब जो खेलेगा, वही खिलेगा.
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले ही वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत ने इतिहास रचा है। इन गेम्स के इतिहास में पिछले कई दशकों में भारत ने कुल मिलाकर जितने पदक जीते थे, उससे ज्यादा पदक सिर्फ इस साल जीतकर दिखा दिए हैं।
also read : आज परी के हाथों में सजेगी राघव नाम की मेहंदी, इस वजह से शादी में नहीं शामिल होंगी प्रियंका ..
भगवान शिव थीम पर बनेगा स्टेडियम
30 हजार क्षमता वाले स्टेडियम की वास्तुशैली काशी और सनातन धर्म के अनुकूल होगी, जिसमें भगवान शिव की महिमा दिखेगी। अर्धचंद्राकार छत, त्रिशूल के आकार की फ्लड-लाइट, घाट की सीढ़ियों पर आधारित बैठने की व्यवस्था, बिल्डिंग पर बिल्वपत्र के आकार की धातु की चादरों के डिजाइन इस स्टेडियम को बेहद खास बनाएगी। रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के बाद अब वाराणसी में बनने जा रहे नए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में भी भगवान भोलेनाथ और काशी की झलक देखने को मिलने वाली है। 451 करोड़ के लागत से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनने से मैच देखने के साथ ही इंटरनेशनल क्रिकेटर का आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार होगा।
स्टेडियम के लिए योगी सरकार ने जमीन अधिग्रहण पर 121 करोड़ रुपए खर्च किए हैं जबकि बीसीसीआई 330 करोड़ रुपये खर्च करके स्टेडियम का निर्माण कराएगा। यह स्टेडियम वाराणसी के राजातालाब इलाके के गंजारी गांव में रिंग रोड के पास स्थित है, इस स्टेडियम का निर्माण कार्य साल 2025 के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा । लखनऊ में अटल बिहारी वाजपई इकाना क्रिकेट स्टेडियम, कानपुर में ग्रीन पार्क के बाद यह उत्तर प्रदेश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम होगा।
क्या है स्टेडियम की खासियत?
वाराणसी में बन रहे इस स्टेडियम की खासियत इसकी वास्तुकला में छिपी हुई है. इसकी वास्तुकला भगवान शिव से प्रेरित है। इसमें अर्द्धचंद्राकार छत कवर और त्रिशूल के आकार की फ्लड-लाइट होने वाली है। बैठने की व्यवस्था किसी घाट की तरह होगी. अगर बात करें स्टेडियम की क्षमता की, तो यहां पर 30 हजार लोग बैठकर मैच देख पाएंगे. ये स्टेडियम दिसंबर 2025 तक तैयार हो जाएगा। कानपुर और लखनऊ के बाद यह यूपी का तीसरा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम होगा।