वाराणसी: संदिग्ध परिस्थितियों में छात्र की हुई मौत के मामले में चार सदस्यीय टीम का गठन, सीपी ने दाखिल किया शपथ पत्र
वाराणसी: भेलूपुर थाना क्षेत्र में रहकर नीट परीक्षा की तैयारी करने वाले नितेश नामक छात्र का शव संदिग्ध परिस्थितीयों में मिला था. बता दें कि इस मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया. जिसके बाद पुलिस आयुक्त वाराणसी ने जांच के लिए चार सदस्यीय टीमों का गठन किया. सीपी की ओर से उच्च न्यायालय इलाहाबाद में इस संबंध में शपथ पत्र दाखिल किया गया है. कोर्ट ने अब तक की हुई जांच रिपोर्ट को भी न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया है.
दो साल पूर्व हुई थी घटना
बता दें कि प्रतापगढ़ जिले के पट्टी कोतवाली क्षेत्र के शेषपुर अठगवा गांव का नीट प्रतियोगी छात्र नितेश मिश्रा वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के शुकुलपुर सुंदरपुर में रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था. 12, जुलाई 2022 की शाम उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई और उसका शव पुलिस ने बरामद किया था. मृतक के चाचा रवीन्द्र मिश्रा की तहरीर पर आठ दिन बाद भेलूपुर थाने में 11, नामजद व एक अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था.
पुलिस ने लगा दी थी फाइनल रिपोर्ट
आरोप है कि तत्कालीन विवेचक इंस्पेाक्ट र रमाकांत दुबे ने आरोपितों से मिलकर मामले में 18 दिन में फाइनल रिपोर्ट लगाकर अदालत में पेश कर दिया. इस मामले में मृतक के चाचा ने सीजेएम कोर्ट में प्रोटेस्ट दाखिल किया जिसको अदालत ने स्वीकारते हुए फाइनल रिपोर्ट खारिज करते हुए अग्रिम विवेचना का आदेश चौंक इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा को दिया. उन्होंने भी पूर्व विवेचक की जांच को तस्दीक करते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी. वादी मुकदमा ने तीसरी बार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र दिया जिस पर न्यायालय ने पुनः फाइनल रिपोर्ट रिजेक्ट करते हुए पुनः विवेचना का आदेश किया.
Also Read: वाराणसी: 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी वॉलीबॉल प्रतियोगिता के शुभंकर तथा ट्रॉफी का हुआ अनावरण
हाईकोर्ट की ली थी शरण
पीड़ित सारे प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट गया, जहां उसके अधिवक्ता आशीष कुमार मिश्रा व संजय द्विवेदी ने घटना की पूरी दलील न्यायालय के सामने रखा. जिस पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति डॉ गौतम चौधरी की खंडपीठ ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस कमिश्नर वाराणसी को नोटिस जारी कर दिया कि उक्त प्रकरण में अब तक हुई जांच तथा निष्पक्षता से जांच कराते हुए स्वयं हस्ताक्षर कर इसे 27 नवम्बर को न्यायालय के सामने प्रस्तुत करें. हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच कराने के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन करते कोर्ट में शपथपत्र दाखिल किया है, जिसकी सुनवाई अगले सप्ताह होगी.