सोनभद्र के उम्भा कांड पर फिर गरमाई सियासत | Banaras Bulletin

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स्टोरी-1

सोनभद्र के उम्भा कांड पर फिर गरमाई सियासत
उम्भा जा रहे कांग्रेस अध्यक्ष को पुलिस ने हिरासत में लिया
लल्लू ने यूपी सरकार पर लगाया तानाशाही का आरोप

Vo–सोनभद्र जिले के उभ्भा गांव में जमीन पर कब्जे को लेकर हुए नरसंहार की पहली बरसी पर राजनीति फिर गरम हो रही है। गुरुवार को उभ्भा गांव जा रहे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भदोही में गिरफ्तार किया गया है। उनको गोपीगंज के एक गेस्ट हाउस में रखा गया है। पुलिस की गिरफ्त में आने वाले लल्लू ने कहा कि दलित-आदिवासियों पर हमला करने वाली भाजपा सरकार उनके अधिकारों की लड़ाई से इतना डरती क्यों है। कांग्रेस ने नरसंहार के दौरान भी उनके खिलाफ अत्याचार को जोर-शोर से उठाया था। अब तो हम उभ्भा के नरसंहार में मृत आदिवासियों की स्मृति में पीडि़तों से मिलने जा रहे थे। इसके बाद भी हमको भारी पुलिस बल ने रास्ते में रोक कर गिरफ्तार कर लिया है। यह तो लोकतंत्र के खिलाफ है। उत्तर प्रदेश सरकार हताश होकर तानाशाही पर उतर आई है।

बाइट –अजय सिंह लल्लू, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

स्टोरी-2

उम्भा जा रहे अजय राय साथियों संग हिरासत में लिये गये
धरने पर बैठे कांग्रेस नेता राजेश मिश्रा और अजय राय
काफी देर तक मची रही अफरातफरी

Vo–16 जुलाई 2019 को सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत मूर्तिया के उम्भा गांव में 90 बीघा जमीन के विवाद में गुर्जर और गोंड विरादरी के बीच हुए खूनी संघर्ष में एक ही पक्ष के 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 25 लोग घायल हुए थे। इस नरसंहार की बरसी पर उम्भा गांव जा रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को जहां गोपीगंज में भदोही पुलिस ने रोक दिया तो वाराणसी के पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा, पूर्व विधायक अजय राय और कांग्रेस पदाधिकारियों को मिर्ज़ापुर के बार्डर पर स्थित अदलहाट पुलिस ने फत्तेपुर टोल पर रोक दिया है। पुलिस द्वारा रोके जाने पर कांग्रेसजन पर सड़क पर बैठकर धरना दे रहे हैं और उम्भा गाँव जाने देने की मांग कर रहे हैं। पिछले वर्ष 17 जुलाई 2019 को इसी नरसंहार से पीड़ितों से मिलने जा रही कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को भी रोका गया था चुनार गेस्ट हॉउस में उनकी पीड़ितों से मुलाक़ात करवाई गयी थी।

बाइट -अजय राय, नेता, कांग्रेस

स्टोरी-3

बनारस में जारी है कोरोना का कहर
एक हजार के पार हुई कोरोना पीड़ितों की संख्या
सुबह समाने आये 40 मरीज

Vo–बनारस में गुरुवार की दोहपर बीएचयू लैब से प्राप्त 144 रिपोर्ट में से 40 नए कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए। इस प्रकार अब कुल कोरोना मरीजों की संख्या 1019 हो गई है, जबकि 491 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर को लौट चुके हैं। वर्तमान में एक्टिव कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 498 है, जबकि 30 की मृत्यु हो चुकी है। बीते बुधवार को 43 की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी। इस लिहाज से पिछले 24 घंटों मेें जांच के सापेक्ष महज 2.12 फीसद नए मरीज पाए गए। वहीं पहले से इलाज करा रहे 17 मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

स्टोरी-4

कोरोना के कहर को देख परेशान हुआ जिला प्रशासन
मोहल्लों में घूमेंगे मोबाइल वार्ड क्लिनिक वाहन
कमिश्नर-डीएम ने हरी झण्डी दिखा कर वाहनों को किया रवाना

Vo–जिले में विगत 15 दिनों के अंदर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में हुए बढ़ोतरी को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए इस पर तत्काल रोक लगाए जाने की अब ठान ली है। अब कोरोना सिम्टम्स के जांच एवं इलाज के लिए लोगों को ओपीडी एवं अस्पतालों में नही जाना पड़ेगा, बल्कि उनके मोहल्ले में ही डॉक्टर जाकर उनका जांच कर इलाज सुनिश्चित करेंगे। वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा गुरुवार को शुरू किए गए इस नए व्यवस्था के 15 मोबाइल वार्ड क्लिनिक वाहनों को कमिश्नर दीपक अग्रवाल एवं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कमिशनरी स्थित अपने कार्यालय परिसर से संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के संक्रमण एवं उससे बचाव के साथ-साथ संक्रमित लोगों को उनकी सुविधा के अनुसार चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराए जाने में निश्चित रूप से यह मोबाइल वार्ड क्लीनिक के लिए सार्थक साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहन में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, एलोपैथिक, होम्योपैथी व आयुर्वेद के जीवन रक्षक दवाओं एवं आवश्यक मेडिकल जांच उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कराया गया है।

बाइट –कौशलराज शर्मा, जिलाधिकारी

स्टोरी-5

लोगों को नहीं है सोशल डिस्टनसिंग का डर
खुलकर नियमों की उड़ रही हैं धज्जियां

Vo– वाराणसी में बढ़ते कोरोना के मामलों के साथ ही लोगों की लापरवाही भी बढ़ती जा रही है। इसकी सीधी तस्वीर वाराणसी में खुलने वाले बाज़ारों में दिख रही है। वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र के ठीक पीछे दालमंडी बाजार में कुछ ऐसा ही नजारा आए दिन देखने को मिल रहा है। जब इलेक्ट्रॉनिक और मोबाइल के थोक दुकानों पर पूर्वांचल भर से खरीदारी करने के लिए जुटे हजारों छोटे व्यापारी टूटते दिख रहे हैं। दालमंडी बाजार में ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल देखा गया और ना ही कोरोना के लिहाज से दिए गए दिशा निर्देशों का ही। इस बारे में बाजार के व्यापारी नेता ने बताया कि जब तक पूरी तरह दोनों तरफ से दुकानें नहीं खोली जाती तब तक ऐसे ही कम समय में ज्यादा लोगों की भीड़ जुटती रहेगी। क्योंकि बाहर में आने वाले छोटे व्यापारी समय कम होने की वजह से कुछ सुनने को तैयार नहीं होते हैं।

बाइट — शकील अहमद,व्यापारी नेता, दालमंडी

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