वाराणसी : बड़ागांव पुलिस पर बुजुर्ग से मारपीट का आरोप | Banaras Bulletin
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स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था तेज
कैंट रेलवे स्टेशन के चप्पे-चप्पे की तलाशी
जीआरपी और आरपीएफ ने चलाया अभियान
स्वतंत्रता दिवस को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। आजादी की सालगिरह में किसी तरह की खलल ना पड़े इसके लिए सुरक्षा बल भी मुस्तैद हो गए हैं। वाराणसी में जीआरपी और आरपीएफ के जवानों ने कैंट स्टेशन पर सघन तलाशी अभियान चलाया। आने जाने वाली ट्रेनों के साथ ही प्लेटफॉर्म, सरकुलेटिंग एरिया, पार्सल घर के साथ यार्ड के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई। दरअसल सुरक्षा के लिहाज से वाराणसी संवेदनशील शहर है। साल 2006 में कैंट स्टेशन पर बम धमाके की वारदात हो चुकी है। इसके साथ ही राममंदिर निर्माण की वजह से देश में अतिरिक्त सर्तकता बरती जा रही है।
फीस माफी को लेकर समाजवादी पार्टी ने निकाली पदयात्रा
नो क्लास, नो फीस का दिया नारा
पुलिस ने सपाईयों को लंका चौराहे पर रोका
पूरा विश्व इस समय कोरोना महामारी की चपेट में है। रोजगार में आई भारी गिरावट से आर्थिक तंगी के दौर लोग गुजर रहे जी। वही सभी विद्यालयों से फीस मांगकर अभिभावकों पर अतिरिक्त दबाव बनाया जा रहा जाए। इसी को लेकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पदयात्रा निकालकर विरोध दर्ज किया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा निजी विद्यालयों में फीस माफी के लिए नो क्लास नो फीस के नारे के साथ सामनेघाट से लेकर जिला मुख्यालय तक पदयात्रा निकालाना था। लेकिन पदयात्रा लंका चौराहे पर पहुंचते ही पुलिस प्रशासन द्वारा रोक दिया गया।
बड़ागांव पुलिस पर बुजुर्ग से मारपीट का आरोप
बुजुर्ग ने एसएसपी को सुनाई बर्रबता की दास्तां
पड़ोसियों से कहासुनी के बाद पुलिस ने की थी पिटाई
जिले की बड़ागांव पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं। 68 वर्षीय बुजुर्ग जिलाजीत औऱ उसके भतीजे ने पुलिस पर बर्रबता पूर्वक मारपीट का आरोप लगाया है। दरअसल कुछ दिन पहले चहारदीवारी को लेकर जिलाजीत और पड़ोसी के कहासुनी हुई है। शिकायत मिलने पर पुलिस जिलाजीत के भतीजे को लेकर थाने लाई थी। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने उसके साथ जमकर मारपीट की। यही नहीं अपने भतीजे से मिलने पहुंचे जिलाजीत को भी पुलिसवालों ने लॉकप में बंद कर मारा पीटा। जिलाजीत का परिवार इस घटना से सहमा हुआ है। परिजनों ने गुरुवार को पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई और इंसाफ की गुहार लगाई।
बुनकरों पर अब बिजली की मार
अब मीटर के आधार पर बिजली बिल वसूलने की तैयारी
लॉकडाउन में भूखमरी के कगार पर बनारस के बुनकर
विश्व प्रसिद्ध बुनकर बाहुल्य नगर वाराणसी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश में बुनकरों का एक प्रमुख केन्द्र है। देश में कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉक डाउन से जहाँ सम्पूर्ण देश का कारोबार प्रभावित हुआ है वहीं बुनकरो का कारोबार लगभग बन्द हो गया है । जिसके कारण बुनकरों के परिवारो के हालात बहुत खराब हो गई है। मुसीबत की इस घड़ी में राज्य सरकार ने बुनकरों को फ्लैट रेट से दी जाने वाली बिजली को समाप्त कर मीटर लगा दिया है। अब बुनकरों को मीटर के आधार पर बिजली बिल देना होगा। अपनी इन्हीं समस्याओं को लेकर बुनकरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को जिलाधिकारी से मुलाकात की।
डॉक्टर कफील अहमद की रिहाई की मांग
जिलाधिकारी से मिले बनारस के कांग्रेसी नेता
कफील अहमद को फर्जी मुकदमे में फंसाने का लगाया आरोप
गोरखपुर के डॉक्टर काफील के रिहाई के लिए आवाज अब उठने लगी है। जगह जगह उनके रिहाई को लेकर राजनीतिक पार्टी के लोग सामने आ रहे है। इसी प्रकरण में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जिला कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने एसीएम चतुर्थ शुभांगी शुक्ला को ज्ञापन सौंपा जिला कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व उपाध्यक्ष हाजी तौफीक कुरैशी ने कहा कि डॉ कफील को फर्जी मामले में जमानत दिए जाने के बावजूद निजी आक्रोश के तहत एनएसए का दुरुपयोग करने के लिए 6 महीने से अधिक समय तक जेल में रखा गया है ।जबकि लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने डॉक्टर कफील की रिहाई के मद्देनजर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर डॉ कफील की रिहाई की मांग की है। बावजूद इसके राज्य सरकार उन्हें रिहा करने के लिए राजी नहीं है।
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