वाराणसी : मेनहोल में मृत सफाईकर्मी का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग

शुक्रवार को बिना सुरक्षा उपकरण के मेनहोल में उतारा गया था घूरेलाल

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वाराणसी जिले के भैंसासुर घाट के पास मैनहोल में सफाईकर्मी घूरेलाल की मौत के मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंचा. इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने आयोग में यह शिकायत दर्ज कराई. गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के भैंसासुर घाट के पास मैनहोल में उतारे गये सफाईकर्मी घूरेलाल की मौत हो गई थी. हालांकि इस घटना के बाद जलनिगम की ओर से सफाईकर्मी की पत्नी को सहायता के तौर पर 29 लाख का चेक दिया गया है. लेकिन इस घटना से लोग खफा हैं. अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.

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अधिवक्ता का कहना है कि सीवर सफाई के लिए नौकरी पर रखना छह दिसम्बर 2013 से मना है. पीड़ित परिवार को नगर निगम और ठेकेदार दोनों की ओर से मुआवजा दिया जाय.

15 फीट नीचे मेनहोल में उतरा था घूरेलाल और हो गई मौत

बता दें कि राजघाट तिराहे (मालवीय पुल) के समीप मेनहोल जाम हो गया था. इसकी शिकायत की गई थी. इसके बाद मेनहोल की सफाई के लिए पांच अप्रैल को सफाईकर्मियों के साथ ठेकेदार पहुंचा. मैनहोल का ढक्कन खोला गया और आदमपुर थाना क्षेत्र के मच्छोदरी मोहल्ले का निवासी 50 वर्षीय घूरेलाल रस्सी के सहारे 15 फीट नीचे सीवर में उतर गया. उसे कोई सुरक्षा उपकरण नही उपलब्ध कराये गये थे और न सीवर में उसके प्रवेश करने से पहले जहरीली गैस की जांच भी नही की गई थी. कुछ देर के बाद अंदर से कोई प्रतिक्रिया नही हुई. बाहर मौजूद घूरेलाल के दूसरे साथी ने आवाज लगाई. लेकिन कोई जवाब नही मिला तो आशंकाएं होने लगी. इसके साथ साथी घूरेलाल को बचाने के लिए रस्सी के सहारे अंदर उतरा. लेकिन थोड़ा उतरने के बाद उसे घुटन महसूस होने लगी और बेहोशी आने लगी. उसने रस्सी हिलाई और आवाज लगाई तो अन्य साथियों ने रस्सी खींचकर उसे बाहर निकाल लिया. घूरेलाल अंदर ही रह गया. यह देख अन्य सफाईकर्मी और ठेकेदार वहा से भाग निकले. आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचित किया.

एनडीआरएफ की टीम ने निकाली थी लाश

पुलिस आई और एनडीआरएफ को बुलाया गया. एनडीआरएफ का जवान सुरक्षा उपकरणों के साथ मेनहोल में उतरा तब घूरेलाल का शव निकाला जा सका. घटन के बाद मृतक की पत्नी को एक लाख रुपये नकद और 10 लाख रुपये का चेक दिया गया था. अगले दिन पत्नी बैंक में चेक भुनाने गई तो पता चला कि खाते में पैसे नही हैं. वह लौट आई. जब यह बात मीडिया के जरिए लोगों को पता चली तो जल निगम हरकत में आया. सोमवार की रात ठेकेदार, जल निगम के एई और जेई घूरेलाल के घर गये और पत्नी को 19 लाख रुपये का चेक दिया. जलनिगम के अधिकारी ने बताया रूपये मृतक घूरेलाल की पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर दिये गये हैं.

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