गलत जानकारी देकर अभिलेखागार से नकल प्राप्त करने और अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए राजातालाब के उपजिलाधिकारी के समक्ष वाद दाखिल करने के मामले में सात लोगों के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय/ प्रभारी अधिकारी अभिलेखागार (माल) प्रज्ञा सिंह की तहरीर पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. इन सात लोगों में रोहनिया थाना क्षेत्र के नकाईन गांव के सगे भाई मंगला प्रसाद व विजय लाल, बासमती देवी, सुरेंद्र व उसकी मां राधा देवी और चंद्रमा व उसकी मां बतासी देवी हैं.
Also Read : Varanasi : हार्डवेयर की दुकान में लगी आग, 20 लाख का सामान खाक
तीन सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई
अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय/प्रभारी अधिकारी अभिलेखागार (माल) प्रज्ञा सिंह के अनुसार नकाईन गांव के महेंद्र प्रसाद के प्रार्थना पत्र पर संदेह होने पर उसकी जांच तीन सदस्यीय कमेटी से कराई गई. जांच रिपोर्ट के अनुसार महेंद्र प्रसाद द्वारा 3 जनवरी 2014 और 30 नवम्बर 2016 को अभिलेखागार (माल) में फसली वर्ष 1291 के खाता संख्या-47 स्थित नकाईन की नकल ली गई. इसे सही पाया गया. इसके बाद 28 जून 2019 को उक्त खाते की नकल अभिलेखागार (माल) से प्राप्त करने पर भरोस पुत्र पाल के स्थान पर भरोस पुत्र गुरुदयाल अंकित पाया गया.
अनुचित लाभ लेने के लिए दाखिल किया वाद
जांच में यह भी पता चला कि विपक्षी द्वारा अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए राजातालाब उप जिलाधिकारी के समक्ष उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा 144 का वाद दाखिल किया गया है. इस अवधि 25 नवम्बर 2016 से एक जुलाई 2022 तक मूल दस्तावेजों में कूटरचना की रिपोर्ट दी गई है. मंगला प्रसाद, विजय लाल, बासमती देवी, सुरेंद्र, राधा देवी, चंद्रमा और बतासी देवी ने व्यक्तिगत लाभ के लिए कूटरचित दस्तावेज बनाने प्रयास किया. मामला संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर सात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. रिपोर्ट दर्ज होने की खबर मिलते ही आरोपितों में खलबली मची है. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि इसमें किसी कर्मचारी की तो मिलीभगत नही रही है?