Varanasi: लापता व्यापारी का 9 दिन बाद मिला शव, अपहरण कर उतारा मौत के घाट

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Varanasi: वाराणसी के नई सड़क के लापता प्लास्टिक व्यापारी दावर बेग (55) का सिर कटा शव गुरुवार की रात वाराणसी-मिर्जापुर मार्ग पर नरायनपुर में सड़क किनारे मिलने से सनसनी फैल गई. व्यापारी के अपहरण और हत्या के आरोप में कमिश्नरेट पुलिस और एसओजी बिहार निवासी एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. पुलिस का कहना है कि व्यापारी के परिजनों से तगड़ी रकम ऐंठने के लिए उनका अपहरण किया गया था. नाकाम होने पर उनकी हत्या कर दी गई. पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपी से पूछताछ कर जल्द ही वारदात का राजफाश करेगी. इस वारदात के तार पिछले दिनों कंकड़हवा वीर बाबा मस्जिद में खुद को गोली मारकर जाने देने वाले सीमेंट व्यापारी से जुड़े हैं.

लक्सा थाने में दर्ज था केस

काजीपुरा कलां, कालीमहल निवासी जावेद अहमद की तहरीर पर लक्सा थाने में अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था. जावेद ने पुलिस को बताया था कि उनके बड़े भाई दावर बेग गत सात मई की शाम नई सड़क स्थित अपनी दुकान से बाइक से माल के सिलसिले में पड़ाव जाने के लिए निकले थे. काफी देर बाद भी वह वापस नहीं आए तो उनके दोनों मोबाइल नंबर पर कॉल की गई, लेकिन रिसीव नहीं हुई. रात एक बजे उनके दोनों मोबाइल नंबर स्विच ऑफ बताने लगे. इस पर अनहोनी को लेकर परिजनों का संदेह गहरा गया.

खोजबीन के क्रम में 10 मई को दावर बेग की बाइक डीडीयू नगर जंक्श न के स्टैं ड में में मिली. उधर, इस संबंध में पूछे जाने पर एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि सीसी कैमरों की फुटेज और सर्विलांस की मदद से एक आरोपी को चिन्हित कर हिरासत में लिया गया है. उसकी निशानदेही पर दावर बेग की सिर कटा शव बरामद किया गया है. परिजनों ने कपड़ों और जेब से मिली आईडी की मदद से शव की पहचान की है. हिरासत में लिए गए आरोपी के अनुसार धारदार हथियार से हत्या करने के बाद शव की पहचान न होने देने के लिए व्यापारी के सिर को गंगा में और धड़ को नरायनपुर हाइवे पर फेंक दिया गया था.

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मस्जिद में खुद को गोली से उडाने वाले सीमेंट व्यापारी पर था शक

पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि खोजवा इलाके में शंकुलधारा पोखरे के समीप कंकड़हवा वीर बाबा मस्जिद में खुद को गोली मार कर जान देने वाला दावर बेग का दोस्त सीमेंट व्यापारी साजिद अली इस वारदात का सूत्रधार था. दोनों लोग लंबे अरसे से एक-दूसरे से परिचित और करीबी थे. दोनों को सात मई की शाम आखिरी बार पड़ाव में एक साथ देखा भी गया था. साजिद अली से पूछताछ की तैयारी चल ही रही थी कि नौ मई की दोपहर उसने मस्जिद में लाइसेंसी पिस्टल से अपनी कनपटी पर गोली मार कर जान दे दी थी. साजिद अली ने ही वारदात को अंजाम देने के लिए सुपारी पर बिहार निवासी शख्स को तैयार किया था.

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