वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट में वाराणसी की हवा में 17 से 21 प्रतिशत से भी अधिक का सुधार हुआ है.
वायु प्रदूषण से भले ही अब भी लोगों का पेरशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का मानना है कि देश के कई हिस्सों में पर्यापरण में पहले के मुकाबले काफी सुधार हुआ है. मंत्रालय ने इसे लेकर पिछले दिनों एक रिपोर्ट भी जारी की थी, जिसके तहत देश के 95 शहरों में वायु गुणवत्ता पहले के मुकाबले ठीक हुई है. इनमें से वाराणसी,लखनऊ, कानपुर, आगरा, बरेली, देहरादून, धनबाद व ग्रेटर मुंबई जैसे 21 शहरों में वायु गुणवत्ता में यह सुधार 40 प्रतिशत से भी अधिक हुआ है. हालांकि दीपावली के आसपास तो यह हवाएं बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच जाती है.
हवा में 21 प्रतिशत से अधिक सुधार
बात करें बनारस की तो देश के प्रदूषित शहरों में इसका भी नाम रहा है, लेकिन समय के साथ यहां की हवा अब पहले जैसी नहीं रही है. सवा साल के आंकड़ों पर गौर करें तो शहर की वायु गुणवत्ता में बड़े स्तर पर बदलाव हुआ है. इसके पीछे का कारण राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का असर बताया जा रहा है. शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले डेढ़ साल से सौ के अंदर ही बना हुआ है.
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वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट में वाराणसी की हवा में 17 से 21 प्रतिशत से भी अधिक का सुधार हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन के एप के अनुसार चार साल पहले बनारस का एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन को पार कर चुका था. एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 के ऊपर था लेकिन 2022 में हवा को सुधारने के लिए शुरू हुआ राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का असर नजर आने लगा है.
सवा साल के आंकड़ों पर गौर करें तो शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स कभी सौ के नीचे तो कभी 50 के आसपास ही रहा. 389 दिन तो बनारस का वायु गुणवत्ता सूचकांक ग्रीन जोन में ही था.
नगर निगम का दावा – अभियान असरकारी
हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा में 17 से 21 फीसदी की कमी दर्ज की गई. अप्रैल महीने में यह आंकड़ा 10-15 प्रतिशत था. 36 दिन शहर की हवा येलो जोन में और पांच दिन ऑरेंज जोन में रही.
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण विभाग के संयुक्त प्रयास से शहर की हवा की गुणवत्ता के लिए चलाया जा रहा अभियान असरकारी रहा है.
शहर में पौधरोपण को बढ़ावा देने के साथ ही नियमित रूप से स्प्रिंक्लर व मिस्ट गन से छिड़काव का सकारात्मक असर हुआ है। इसके अलावा कच्ची जमीन वाले क्षेत्रों में इंटरलॉकिंग कराई जा रही है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स
जुलाई 2023
• 30 दिन ग्रीन जोन
• 1 दिन येलो जोन
अगस्त 2023
• 26 दिन ग्रीन
• 3 दिन येलो जोन
• 2 दिन रेड जोन
सितंबर 2023
• 28 दिन ग्रीन जोन
• 2 दिन येलो जोन
अक्तूबर 2023
• 30 दिन ग्रीन जोन
• 1 दिन येलो जोन
नवंबर 2023
• 19 दिन ग्रीन जोन
• 10 दिन येलो
• 1 दिन आरेंज जोन
दिसंबर 2023
• 22 दिन ग्रीन जोन
• 8 दिन येलो जोन
• 1 दिन ऑरेंज
जनवरी 2024
• 25 दिन ग्रीन जोन
• 6 दिन येलो जोन
फरवरी 2024
• 24 दिन ग्रीन जोन
• 5 दिन येलो जोन
मार्च 2024
• 26 दिन ग्रीन जोन
• 5 दिन येलो जोन
• अप्रैल 2024 28 दिन ग्रीन जोन
• मई 2024 25 दिन ग्रीन जोन एक दिन येलो जोन
• जून 2024 29 दिन ग्रीन जोन
• जुलाई 2024 26 दिन ग्रीन जोन
• अगस्त 2024 26 दिन ग्रीन जोन
• सितंबर 2024 25 दिन ग्रीन जोन