वाराणसीः नागपंचमी पर प्राचीन नागकूप की उतारी गई आरती…
वाराणसीः नाग पंचमी के पावन अवसर पर नमामि गंगे के सदस्यों ने महर्षि पतंजलि की तपोस्थली प्राचीन नागकूप स्थित नागेश्वर महादेव और नाग देवता की आरती उतारी. नाग पंचमी के दिन जैतपुरा स्थित प्राचीन कुंड में स्नान पूजन को उपस्थित श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच जल संरक्षण की कामना से स्वच्छता अभियान भी चलाया गया.
की गई कालसर्प दोष मुक्ति की कामना
नमामि गंगे के सदस्यों ने श्रद्धालुओं के साथ मिलकर कालसर्प दोष मुक्ति की कामना से कूप में माला-फूल, दूध लावा आदि चढ़ाया. पौराणिक कुंडों, तालाबों और पोखरों पर सिंगल यूज़ पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने की अपील करते हुए कुंड के आसपास बिखरे हुए पॉलिथीन एवं कूड़े कचरों को बटोर कर कूड़ेदान तक पहुंचाया.
नागकूप गुरु पतंजलि की तपोस्थली
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि काशी का प्रसिद्ध प्राचीन नागकूप गुरु पतंजलि की तपोस्थली है. इस प्राचीन कुंड में नागेश्वर महादेव का शिवलिंग विराजमान है. स्कंद पुराण के अनुसार यह वह स्थल है जहां से पाताल एवं नागलोक जाने का रास्ता है.
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प्राकृतिक से जोड़ा नागपंचमी का महत्व
नागपंचमी प्राकृतिक संरक्षण की दृष्टि से भी सारगर्भित है. भारत कृषि प्रधान देश है .नाग खेतों का रक्षण करते हैं. नाग पंचमी के पर्व पर हमने कुंड की स्वच्छता करके जल संरक्षण और स्वच्छता को स्वभाव में शामिल करने का निवेदन किया है .आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, सुमित्रो अग्रवाल, पूनम शुक्ला एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे.