तहसील स्तर पर फायर स्टेशन वाला पहला राज्य होगा उत्तर प्रदेश: सीएम योगी
सीएम ने अग्निशमन सुरक्षा कवच के सुदृढ़ीकरण केलिए 38 अग्निशमन केंद्रों का किया लोकार्पण एवं शिलान्यास
lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले सातवर्षों में विभाग के आधुनिकीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. साथ ही समयबद्ध तरीके से विभाग में अधिकारियों की तैनाती की गई है. इसके परिणाम सभी के सामने हैं. पहले अक्सर उद्यमी एनओसी को लेकर शिकायतें करते थे. हमने उसमें कईबदलाव कर उसे सरल किया. यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेसमें उत्तर प्रदेश की रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है.
रिस्पांस टाइम को कम से कम करने पर जोर होना चाहिये- CM
सीएम योगी ने कहा कि फायरटेंडर के रिस्पांस टाइम को कम से कम करने पर जोर होना चाहिये ताकि जन-धन की हानिको कम से कम किया जा सके. पिछले कुछ वर्षों में इसमें काफी सुधार भी हुआ है. यही वजह है कि 33,000 से अधिक अग्नि दुर्घटनाओं में 3,780 जनहानि को रोकागया. साथ ही 5000 से अधिक पशुओं के साथ ही 150 करोड़ रुपये की संपत्ति को नष्ट होने से बचाया गया. इसके अलावा विभाग तेज लू के दौरान फसलों में आग लगने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए सदैव खड़ा रहता है. इसे ही ध्यान में रखते हुए हमने आपात सेवाओं का उच्चीकरण करने का कार्य किया है.
इस दिशा में न केवल अग्निशमन सेवाओं केआधुनिकरण बल्कि प्रदेश में एसडीआरएफ के गठन की कार्रवाई को भी पूरा किया गया है.आज एसडीआरएफ की छह कंपनियां काम कर रही हैं. साथ ही साथ प्रदेश के अंदर स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन करते हुए महत्वपूर्ण इमारतों और संस्थाओं की सुरक्षा के दायित्व को पूरा किया है. इसी के तहत पहले चरण में जनपद स्तर और दूसरे चरण में तहसील स्तर पर एक से डेढ़ वर्ष में फायर स्टेशन स्थापित हो जाएंगे.
रिस्पांस टाइम कम होने से बढा विश्वास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विभाग रिस्पांस टाइम को कम करता है तो कॉमन मैन के मन में विभाग और शासन के प्रति विश्वास मजबूत होगा. उसके लिए सहायता को पहुंचाना हमारा दायित्व है. हमें स्कूल और कॉलेज में बच्चों के प्रशिक्षण के लिए भी प्रयास करना चाहिए, उनकी काउंसिलिंग को भी कार्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए, क्योंकि सामान्य दिनों में केवल विभाग के भरोसे ही रहकर नहीं बल्कि घटनाघटित होते ही बचाव शुरू हो यह महत्वपूर्ण है. बचाव के लिए हम लोगों को पहले से हीतैयार करें.
अग्निकांड के लिए लापरवाही जिम्मेदार
अग्निकांड के लिए कौन-कौन सी लापरवाही जिम्मेदार होती हैं, कैसे हम जनधन की हानि को रोक सकें, इसके प्रति लोगों कोपहले से तैयार कर सकें तो घटना के बाद जब तक सहायता पहुंचती है तब तक लोग स्वयं भीअपने स्तर पर बचाव अभियान की शुरुआत कर सकते हैं. कार्यक्रम में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, मुख्य सचिव दुर्गाशंकरमिश्र, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार, महानिदेशक अग्निशमन एवं आपात सेवा अविनाश चंद्र आदि शामिल रहे.