उत्पन्ना एकादशी आज, जानें इसदिन की विशेष कथा…
आज 26 नवम्बर 2024 को उत्तपन्ना एकादशी का व्रत है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. यह विशेष दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित होता है. उत्तपन्ना एकादशी का व्रत विशेष रूप से धार्मिक महत्व रखता है और इस दिन उपवास रखने से मनुष्य के पाप समाप्त होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. उत्तपन्ना एकादशी का व्रत उन लोगों के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण होता है जो अपनी भक्ति और पुण्य अर्जित करना चाहते हैं.
शुभ मुहूर्त
उत्पन्ना एकादशी तिथि की शुरुआत 25 नवंबर की रात 02:38 बजे से होगी और इसका समापन 26 नवंबर की रात 03:12 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार 26 नवंबर को ही उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
उत्तपन्ना एकादशी की कथा:
उत्तपन्ना एकादशी से जुड़ी एक विशेष कथा है, जो इस दिन के महात्म्य को और भी स्पष्ट करती है. एक समय की बात है, जब देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हो रहा था. मंथन से भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप में अवतार लिया और देवताओं को अमृत का वितरण किया. इसके बाद भगवान विष्णु ने अपनी योग शक्ति से मोहिनी रूप धारण किया, जिससे असुर भ्रमित हो गए और देवताओं को हराने का प्रयास करने लगे.
लेकिन इस दौरान भगवान विष्णु ने देवताओं के रक्षा के लिए कई उपाय किए. एक दिन भगवान विष्णु ने विष्णुपुरी में ब्राह्मा जी से कहा कि, “एक दिन ऐसा आएगा, जब मेरा मनुष्य रूप में अवतार होगा और वह उत्तपन्ना एकादशी का व्रत रखकर मुझे प्रसन्न करेगा.”उस समय भगवान विष्णु ने देवताओं से कहा कि यह व्रत विशेष रूप से पापों के नाश के लिए किया जाएगा और यह व्रत मनुष्य को धर्म, सुख और शांति की प्राप्ति कराएगा.
भगवान विष्णु ने यह भी कहा कि, जो व्यक्ति इस दिन उपवास रखेगा और रातभर जागकर भक्ति से मेरा ध्यान करेगा, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी और उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी।इस दिन विशेष रूप से उपवास करने और विष्णु भगवान की पूजा करने से जीवन में शांति और समृद्धि आती है. साथ ही, इस दिन की पूजा से घर में सुख-शांति का वास होता है और बुरी किस्मत दूर होती है.
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पूजा का महत्व
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. यह दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की आराधना के लिए भी उपयुक्त माना जाता है. इस दिन सत्यनारायण कथा सुनने से व्यक्ति के पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत 26 नवंबर को रखा जाएगा.