उस्ताद की आखिरी निशानी को बचाने आगे आया जिला प्रशासन, वीडीए ने रोकवाया निर्माण कार्य
शहनाई के जादूगर बिस्मिल्लाह खान जिस घर में रियाज करते थे। जिस घर में उनकी यादें आज भी कैद हैं। जब उसी घर की दरो दीवार पर हथौड़ा चला तो पूरा बनारस कराह उठा। लोगों की इस बेचैनी को अब वाराणसी विकास प्राधिकरण में भी महसूस किया।
वीडीए ने निर्माण कार्य को रुकवा दिया है। वीडीए के उपाध्यक्ष राहुल पांडेय के अनुसार बिना अनुमति किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं होगा। नगर आयुक्त को भी इसकी सूचना दे दी गई है।
पैतृक आवास को लेकर चल रहा है विवाद-
शहनाई सम्राट बिस्मिल्लाह खान हड़हासराय स्थित अपने पैतृक आवास में रहते थे अंतिम सांस तक इसी मकान में रहे बिस्मिल्लाह खान के पांच बेटों में से जबकि दो बेटों का परिवार इसी मकान में रहता है पैतृक आवास को लेकर इन दोनों ही बेटों में पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा है। बिस्मिल्लाह खान का नाती सिब्तैन हुसैन की पत्नी के मुताबिक लॉकडाऊन की वजह से घर की माली हालत ठीक नहीं है।
वह कहती हैं कि ‘हम अब अपने हिसाब से जिएंगे। कोई हमें डिस्टर्ब ना करें। हम मकान में नीचे कमर्शियल प्लेस बनाएंगे और ऊपर संग्रहालय ।लॉकडाउन के दौरान ईट पत्थर हमें खाने को नहीं देंगे। क्या खान साहब की धरोहर खाने को देगी ? हमें मेरे बच्चे भूख से मर रहे हैं। कहां से लाएंगे खाने के लिए किस से भीख मांगे’।
उस्ताद की धरोहर को संरक्षित करने की तैयारी-
दूसरी तरफ उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की धरोहर को संरक्षित करने की तैयारी चल रही है। हृदय योजना के तहत मकान का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। साथ ही इसे संग्रहालय में तब्दील करने की भी योजना है।
संगीत जगत की हस्तियों ने भी उस्ताद की अंतिम निशानी को बचाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। बिस्मिल्लाह खान की दत्तक पुत्री कही जाने वाली सोमा घोष ने कमिश्नर और डीएम से बकायदा गुहार लगाई थी। और बिस्मिल्लाह खान के मकान को बचाने के लिए आगे भी आई।
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