Flavored Condom का प्रयोग महिलाओं के लिए हो सकता है जानलेवा, जाने कैसे ?

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अनचाही प्रेग्नेसी और सुरक्षित सेक्स को लेकर कंडोम के इस्तेमाल पर जोर दिया जाता रहा है. इसके अलावा कंडोम हर तरह के सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से भी बचाव करता है. ऐसे में कुछ लोग सेक्स के दौरान फ्लेवर्ड कंडोम का प्रयोग करते है. लेकिन अक्सर फ्लेवर कंडोम से महिलाओं में वेजाइनल इंफेक्शन की शिकायत सुनने में आती है. इस समस्या के निजात पर एक्सपर्ट की माने तो हमेंशा फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसकी वजह से इंफेक्शन हो सकता है. आइए जानते है इस समस्या के बारे में विस्तार से….

क्या होता है कंडोम

सुरक्षित यौन संबंध के लिए पेनिस के ऊपर मेल कंडोम लगाया जाता है, जो एक पतला आवरण होता है. कंडोम के जरिए सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से बचने में मदद मिलती है. इससे अनचाहे गर्भधारण को रोका जा सकता है. इसके अलावा एक बार में एक से अधिक कंडोम नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसके फटने का डर रहता है।

क्या होता है फ्लेवर्ड कंडोम ?

इसको लेकर गायनेकोलोजिस्ट और ऑब्सटेट्रिक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि, ‘फ्लेवर्ड कंडोम विशेष रूप से ओरल सेक्स के लिए बनाए जाते हैं। अन्य प्रकार के सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है. फ्लेवर्ड कंडोम में उपयोग किए जाने वाले तत्व जलन और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम के लयूब्रीकेंट में फ्लेवर मिलाया जाता है। फ्लेवर्ड कंडोम के विकल्प के रूप में फ्लेवर्ड ल्यूब का उपयोग बिना लयूब्रीकेंट वाले कंडोम के साथ किया जा सकता है।’

किस तरह के सेक्स में काम आते है फ्लेवर्ड कंडोम

डॉक्टर फ्लेवर्ड कंडोम को पेनिट्रेटिव सेक्स के लिए उपयोग करने से मना करते हैं. उनका कहना है कि फ्लैवर्ड कंडोम सिर्फ ओरल सेक्स में प्रयोग किया जाता है. दरअसल, फ्लेवर्ड कंडोम में आर्टिफिशियल शुगर होता है, जो योनि का pH कम करता है. इससे फंगल और कभी-कभी बैक्टीरियल बीमारी भी हो सकती है.

लुब्रिकेंट के बारे में भी जानना जरूरी

यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि कुछ लुब्रिकेंट ओरली निगलने के लिए सुरक्षित नहीं हैं. प्रयोग करने से पहले उत्पाद का लेबल पढ़ना चाहिए. ठीक ल्यूब्रीकेंट का उपयोग करना महत्वपूर्ण है. तेल आधारित लयूब्रीकेंट लेटेक्स कंडोम नहीं काम करते हैं. ये भी आम तौर पर मुंह में डालने के लिए सुरक्षित नहीं होते. आयल कंडोम रबर को कमजोर करता है और इसके फटने का खतरा बढ़ाता है.

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फ्लेवर्ड कंडोम से होने वाले जोखिम

गायनेकोलोजिस्ट और ऑब्सटेट्रिक्स एक्सपर्ट इसको लेकर बताते है कि, फ्लेवर्ड कंडोम सामान्य कंडोम से अधिक खतरनाक हो सकते हैं अगर इसका सही तरीके से नहीं प्रयोग किया जाए. यह एनल या वेजाइनल सेक्स के दौरान फटने और फिसलने का डर बना रहता है. इससे किसी भी प्रकार की बीमारी या अचानक गर्भावस्था भी हो सकती है. फ्लेवर कंडोम ओरल सेक्स के लिए बनाए गए हैं. इसलिए, एक टूटा या फटा हुआ कंडोम आप दोनों में एसटीआई का खतरा बढ़ा सकता है। एसटीआई से हरपीज, गोनोरिया, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस , ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम की आशंका बढ़ जाती है।

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