ऐसे होता है अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव…

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हर चार साल में एक बार जनवरी महीने में अमेरिका में चुनावी समय शुरु होता है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव की प्रक्रिया भारत के मुकाबले काफी पेचीदा और लंबी है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि दुनिया का सबसे ‘ताकतवर’ माना जाने वाला मुल्क अपने राष्ट्रपति का चुनाव कैसे करता है।

आपको बता दें कि अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद-2 में राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया का जिक्र है। यहां पर इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए राष्ट्रपति के चुनाव की व्यवस्था है। इस व्यवस्था का भी अपना एक अलग इतिहास है। अमेरिकी राष्ट्रपति चयन को लेकर यहां के संविधान निर्माता दो धड़ों में बंट गए थे। एक धड़ा चाहता था कि अमेरिकी संसद राष्ट्रपति को चुने जबकि दूसरा धड़ा इस मांग पर अड़ा था कि जनता की सीधी वोटिंग के जरिए राष्ट्रपति चुना जाए।

दो पार्टियों की व्यवस्था

अमेरिका में सिर्फ दो राजनीतिक पार्टियों की व्यवस्था है। एक पार्टी है डेमोक्रेटिक और दूसरी है रिपब्लिकन पार्टी। पूरी राजनीतिक व्यवस्था इन्ही दोनों पार्टियों के इर्द-गिर्द घूमती है। अमेरिकी राष्ट्रपति पुद का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम योग्यता 35 वर्ष की आयु है व पिछले 14 सालों से जो कोई भी अमेरिका में रह रहा हो, वो अमेरिकी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार हो सकता है।

पहली प्रक्रिया

राष्ट्रपति चुनाव के पहले राजनीतिक दल अपने स्तर पर दल का प्रतिनिधि चुनते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में प्राइमरी को सबसे अहम प्रक्रिया माना जाता है। प्राइमरी की प्रक्रिया जनवरी से जून तक चलती है। इस प्रक्रिया में पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करती है।

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इसके बाद अमेरिका के 50 राज्यों के वोटर्स पार्टी प्रतिनिधि (पार्टी डेलीगेट) चुनते हैं। हालांकि प्राइमरी स्तर पर पार्टी प्रतिनिधि चुनने के लिए अमेरिकी संविधान में कोई लिखित निर्देश नहीं है। इसलिए कुछ राज्यों में कॉकस के जरिए भी पार्टी प्रतिनिधि का चुनाव किया जाता है जिसमें स्थानीय स्तर पर बैठक कर पार्टी प्रतिनिधि का चुनाव किया जाता है।

दूसरी प्रक्रिया  

प्राइमरी में जिन लोगों का चयन किया जाता है वो पार्टी कन्वेंशन में हिस्सा लेते हैं। वहां पर यही चुने हुए प्रतिनिधि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं। इस फेज में नामांकन की प्रक्रिया होती है। राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार अपनी पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार चुनता है।

तीसरी प्रक्रिया  

इस चरण में चुनाव प्रचार शुरु होता है। इसमे पार्टी उम्मीदवार जनता का समर्थन जुटाने की कोशिश करते हैं। उम्मीदवार टेलीविजन के माध्यम से कई मुद्दों पर बहस भी करते हैं। इतना ही नहीं अमेरिका में भी चुनाव प्रचार के अंतिम हफ्तों में उम्मीदवार अपना पूरा ध्यान स्विंग स्टेट्स पर लगा देते हैं, ये ऐसे मतदाता होते हैं जो किसी भी पक्ष की तरफ जा सकते हैं।

चौथी प्रक्रिया

यह चौथा और चुनाव प्रक्रिया का अंतिम चरण होता है। इसमें इलेक्टोरल कॉलेज राष्ट्रपति पद के लिए मतदान करता है। अमेरिकी में हर चार साल में चुनाव होते हैं और एक व्यक्ति लगातार सिर्फ दो ही बार अमेरिका का राष्ट्रपति बन सकता है।

इलेक्टर और इलेक्टर कॉलेज

राज्यों के मतदाता इलेक्टर चुनते हैं। ये इलेक्टर राष्ट्रपति पद के किसी न किसी उम्मीदवार के समर्थक होते हैं। इलेक्टर चुनने के बाद जनता का काम खत्म हो जाता है। मतलब चुनाव में जनता की भागेदारी यहीं तक सीमित है। ये इलेक्टर मिलकर ही इलेक्टोरल कॉलेज बनाते हैं। यही इलेक्टोरल कॉलेज राष्ट्रपति का चुनाव करता है। इलेक्टोरल कॉलेज में 538 सदस्य होते हैं। आपको बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए कम से कम 270 इलेक्टोरल वोट जरुरी होते हैं।

संसद की स्थिति

हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव (प्रतिनिधि सभा) में 435 सदस्य होते हैं, जबकि सीनेट में 100 सदस्य बैठते हैं। इन दोनों सदनों को मिलाकर संख्या होती है 535। इसके बाद अमेरिका के 51वें राज्य कोलंबिया से तीन सदस्य आते हैं। यानी इसको मिलाकर 538 इलेक्टर्स अमेरिकी राष्ट्रपति को चुनते हैं।

किस दिन होता है चुनाव

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का दिन भी बेहद खास होता है। चुनावी साल के दौरान नवंबर महीने में पड़ने वाले पहले सोमवार के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार को मतदान होता है। राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी साल के नवंबर महीने में पड़ने वाले पहले सोमवार के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार को मतदान करता है। इसे सुपर ट्यूसडे कहा जाता है सुपर ट्यूसडे अमेरिकी चुनाव की परंपरा से जुड़ा है और ये नवंबर के पहले सप्ताह में आता है और इसी दिन राष्ट्रपति चुनाव होता है।

राष्ट्रपति बनने के लिए काबिलियत

– अमेरिका में जन्म होना जरूरी है और अमेरिकी नागरिक ही हो।

– 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।

– 14 वर्षों से लगातार अमेरिका में ही रह रहा हो।

– दो बार से ज्यादा कोई राष्ट्रपति नहीं बन सकता।

– अगर कोई राष्ट्रपति के लिए अर्हता पूर्ण नहीं करता तो वह उपराष्ट्रपति भी नहीं बन सकता।

– अब तक बने राष्ट्रपतियों में 31 राष्ट्रपति सेना में काम कर चुके हैं।

– अमेरिकी राष्ट्रपति को केवल अंग्रेजी का ज्ञान होना जरूरी है।

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