पाकिस्तान में मिसाइल की आपूर्ति करने वाली चीन और बेलारूस की 4 कम्पनियों पर यूएस ने लगाया प्रतिबंध
अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को बड़ा झटका दिया है. अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम में जरूरत की सामाग्री की आपूर्ति करने के लिए तीन चीनी कंपनियों के साथ एक बेलारूस की कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया है. जिन संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें तीन चीनी कंपनियों शीआन लॉन्गडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड, तियानजिन क्रिएटिव सोर्स इंटरनेशनल ट्रेड कंपनी लिमिटेड और ग्रैनपेक्ट कंपनी लिमिटेड शामिल है. वहीं बेलारूस की मिन्स्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट पर प्रतिबंध लगे हैं.
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अमेरिका ने जारी किया बयान
अमेरिका की ओर से एक बयान में कहा गया कि विदेश विभाग ने कार्यकारी आदेश 13382 की धारा 1 (ए) (पप) के तहत चार संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं जो सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसारकों और उनके वितरण के कार्यों में शामिल थे. इन कंपनियों ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के लिए जरूरी चीजों की आपूर्ति की है, जिसमें लंबी दूरी का मिसाइल प्रोग्राम भी शामिल है. बता दें कि बेलारूस के मिन्स्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट ने पाकिस्तान के लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए विशेष वाहन चेसिस की आपूर्ति की है. अमेरिका ने कहाकि ग्रेनपैक्ट कंपनी लिमिटेड की ओर से पाकिस्तान को लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए एक फिलामेंट वाइंडिंग मशीन सहित मिसाइल से जुड़े उपकरणों की आपूर्ति की गई है. फिलामेंट वाइंडिंग मशीन का इस्तेमाल रॉकेट मोटर केस के उत्पादन में इस्तेमाल किया जा सकता है.
रूस के भी शामिल होने की हैं खबरें
चीन पाकिस्तान की दोस्ती जगजाहिर है. हालांकि बेलारूस की कंपनी की भागीदारी से रूस के भी इस योजना में शामिल होने की अटकलों को बढ़ावा देती है. बता दें कि बेलारूस और रूस के बीच गहरा रिश्ता रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध में भी अभी तक बेलारूस द्वारा ही रूस की सबसे अधिक मदद की गई है. ऐसे में बेलारूस को पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में मदद करना भारत के लिये चिंता का विषय है.
भारत पर नहीं पड़ेगा असर
अमेरिका के प्रतिबंध लगाने से बेशक पाकिस्तान को चोट पहुंचेगी लेकिन यह फैसला भारत से अधिक इजराइल के लिये फायदेमंद साबित होगा. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका ने यह फैसला भारत की सुरक्षा के बजाए इजराइल की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया है. बता दें कि बैलिस्टिक मिसाइल को दूरी के आधार पर तीन प्रकार में बांटा जाता है. छोटे रेंज के बैलिस्टिक मिसाइल की क्षमता 1000 किलोमीटर तक की होती है. मध्यम रेंज की क्षमता 1000-3000 किलोमीटर तक होती है. वहीं दूर रेंज की क्षमता 3000-से अधिक होती है.
पाकिस्तान के पास छोटी रेंज और मध्यम रेंज के बैलिस्टिक मिसाइल पहले से ही मौजूद हैं. मध्यम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल की मदद से पाक आसानी से भारत के किसी भी हिस्से पर हमला कर सकता है इसीलिये अगर पाकिस्तान दूर रेंज के बैलिस्टिक मिसाइल को भी बना लेता है तो उससे भारत पर उतना असर नहीं पड़ेगा. हालांकि इस मिसाइल की मदद से पाकिस्तान इजराइल पर हमला कर सकेगा. वर्तमान में पाकिस्तान एकमात्र इस्लामिक देश है जिसके पास परमाणु बम है. इसी वजह से अमेरिका और इजराइल नहीं चाहते हैं कि पाकिस्तान दूर रेंज वाले बैलिस्टिक मिसाइल के निर्माण में सफल हो जाए.