यूपी का दूसरा CIPET बनारस में होगा शुरू, पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर 7 जुलाई को वाराणसी आ रहे हैं. यहां काशी सहित पूर्वांचल की जनता को कई विकास परख योजनाओं की सौगात देंगे. इन योजनाओं की लिस्ट आज फाइनल कर ली जाएगी. प्रधानमंत्री अपने इस दौरे पर उत्तर प्रदेश के दूसरे और पूर्वांचल के पहले सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल एंड टेक्नोलॉजी (CIPET) का उद्घाटन करने वाले हैं. सिपेट न सिर्फ कंपनियों को स्किल्ड मैनपावर देगा बल्कि पूर्वांचल के युवाओं को बड़ी तादात में रोजगार दिलाने में मददगार साबित होगा. सिपेट में पढाई और प्रशिक्षण के बाद लगभग 85 प्रतिशत युवाओं के लिए रोजगार व स्वरोजगार के अवसर के द्वार खुलेंगे। 40.10 करोड़ की लागत से करीब 10 एकड़ में सिपेट का निर्माण हुआ है. प्रधानमंत्री ने 15 जुलाई 2021 को इसका शिलान्यास किया था।
विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रम संचालित करता है सिपेट…
दरअसल सिपेट इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उद्योगों की कुशल जनशक्ति की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अपने यहां विभिन्न डिप्लोमा, पोस्ट डिप्लोमा, ग्रेजुएट डिप्लोमा, अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और डॉक्टरेट प्रोग्राम (पीएचडी) पॉलिमर विज्ञान में तकनीकी पाठ्यक्रम संचालित करता है.तकनीकी के क्षेत्र में सिपेट डिजाइन, कैड, कैम माध्यम के द्वारा अपनी तकनीकी सहायता सेवाएं प्रदान करता है. सिपेट पॉलिमर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास के लिये रिसर्च का कार्य करता है।
पूर्वांचल के बेरोजगार युवाओं को मिलेगा रोजगार…
वाराणसी के करसड़ा में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल एंड टेक्नोलॉजी सीआईपीईटी का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही 12 जुलाई 2021 को किया था. इसके लिए योगी सरकार ने केंद्र सरकार को 10 एकड़ भूमि नि:शुल्क दी है. बता दे कि सिपेट के निर्माण में केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार दोनों का सहयोग है. इस इंस्टीट्यूट के शुरू होने से पूर्वांचल के बेरोजगार युवाओं को शैक्षणिक और रोजगार देने वाले कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा. यही नहीं प्लास्टिक और इससे संबंधित उद्योगों को तकनीकी सहायता मिलेगी।
प्रति वर्ष 1000 छात्रों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य…
प्लास्टिक व पॉलिमर से संबंधित उद्योगों को कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किये गए पाठ्यक्रम से हर साल 2000 बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देगा. साथ ही लांग टर्म कोर्स डीपीटी, डीपीएमटी, द्वारा प्रति वर्ष 1000 छात्रों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है. इसके अलावा प्लास्टिक व पॉलिमर से संबंधित उद्योगों को तकनीकी सेवाएं प्रदान करेगा. सिपेट की सबसे ख़ास बात है. कि यहां से ट्रेंनिग प्राप्त छात्रों में से लगभग 85 प्रतिशत के लिए रोजगार या स्वरोजगार मिलने की पूरी पूरी सम्भावना है।
पूर्वांचल में लगने वाली कंपनियों को मिलेगा लाभ…
सिपेट के अंतर्गत टेक्नोलॉजी सपोर्ट सर्विसेज (टीएसएस) प्रदान किया जाता है. इसमें टूलिंग के क्षेत्र में, सीएनसी मशीनों के साथ प्रेसीजन मशीनिंग, मोल्ड के डिजाइन और विनिर्माण, प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण के लिए टूल एवं डाई, आधुनिक इंजेक्शन मोल्डिंग मशीनों द्वारा प्लास्टिक उत्पाद निर्माण, मानकीकरण, प्लास्टिक सामग्रियों का परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण, पीवीसी और पीई पाइप, बुने हुए बोरे, जल भंडारण टैंक, माइक्रो सिंचाई घटक, पॉलीमर आधारित मिश्रित दरवाजे फिटिंग आदि के क्षेत्र में ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं आदि प्रशिक्षित युवाओं द्वारा प्रदान की जा सकेंगी. इसके अलावा पूर्वांचल की औद्योगिक इकाइयों को उक्त क्षेत्र में यह संस्थान सहायता प्रदान करेगा. जिसका फायदा ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट के बाद पूर्वांचल में लगने वाली कंपनियों को मिलेगा।
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