काशी विद्यापीठ में हंगामा… सुधांशु त्रिवेदी के कार्यक्रम को रद्द करने की मांग
सपा- NSUI का विरोध प्रदर्शन...
वाराणसी – महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा परिसर में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है. परिसर में स्थित गांधी अध्ययनपीठ में किसी को कार्यक्रम करने की अनुमति दे दी जाती है तो किसी को अनुमति के बाद शासन के दबाव में कार्यक्रम की अनुमति को रद्द कर दिया जाता है. यह आरोप युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व महामंत्री विकास सिंह ने गांधी अध्ययनपीठ सभागार में आयोजित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती की अनुमति देने को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान लगाया.
सुधांशु त्रिवेदी के कार्यक्रम का विरोध
जानकारी के अनुसार भाजपा नेता और राज्य सभा सदस्यि सुधांशु त्रिवेदी को विद्यापीठ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनाया गया है. इस आयोजन के विरोध में एनएसयूआई और छात्र सभा के छात्र सहित विपक्षी दलों के नेता यूनिवर्सिटी गेट पर प्रदर्शन करने पहुंच गये. इस दौरान कैंपस में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई. मौके पर चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ छात्रों ने जमकर नारेबाजी की. प्रदेश प्रभारी सचिव सरिता पटेल ने कहा कि विद्यापीठ प्रशासन दोहरा चरित्र अपना रहा है और शिक्षा के मंदिर में विद्वेष फैलाने का कार्य कर रहा है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर शासन के दबाव में कार्य करने आरोप लगाया. साथ ही उक्त अनुमति को तत्काल रद्द करने के लिए कुलपति के कार्यालय का घेराव किया और उन्हें ज्ञापन सौंपा.
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कार्यक्रम रद्द नहीं होने पर आंदोलन होगा तेज
विकास सिंह ने कहा कि अभी बीते 14 मार्च को विश्वविद्यालय प्रशासन ने राष्ट्रीय छात्र संगठन द्वारा आयोजित युवा महाकुम्भ कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम बताकर परिसर स्थित गांधी अध्ययन पीठ में कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी गयी थी तो फिर भाजपा द्वारा आयोजित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती की अनुमति कैसे दे दी गयी. वह भी एक राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति. इसका सीधा मतलब है कि विश्वविद्यालय प्रशासन सरकार के दबाव में कार्य कर रहा है और छात्रों में आपस मे विद्वेष फैला रहा है.
युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि इसी मुद्दे को लेकर हमलोगों ने आज कुलपति का घेराव करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के इस दोहरे मापदंड का विरोध किया और कार्यक्रम की अनुमति रद्द करने के लिए ज्ञापन दिया है; यदि कुलपति द्वारा कार्यक्रम की अनुमति को रद्द नही किया जाता है तो हमलोगों द्वारा उक्त कार्यक्रम का विरोध किया जाएगा और गांधी अध्ययन पीठ में तालाबंदी कर वहां धरना प्रदर्शन किया जाएगा.