एनकाउंटर के खेल में फंस गई यूपी पुलिस, आयोग ने शुरू की जांच

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उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने यूपी पुलिस द्वारा पिछले दिनों किए गए 4 एनकाउंटर(encounter) की जांच शुरू कर दी है। दरअसल, मारे गए लोगों के परिजनों ने इन एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए जांच की मांग की थी। बता दें कि पिछले साल 20 मार्च से लेकर अब तक यूपी पुलिस करीब 43 कथित आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है। इनमें से 10 का एनकाउंटर तो इसी साल किया गया है।

राज्य मानवाधिकार आयोग ने शुरू की 4 एनकाउंटर की जांच

उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने जिन 4 मामलों की जांच शुरू की है, उनमें मुकेश राजभर, जय हिंद यादव, रामजी पासी और आदेश यादव के एनकाउंटर शामिल हैं। मुकेश राजभर, जय हिंद यादव और रामजी पासी जहां आजमगढ़ के रहने वाले थे, वहीं आदेश यादव इटावा का निवासी था।

गौरतलब है कि मानवाधिकार आयोग का कहना है कि चारों एनकाउंटर(encounter) में यूपी पुलिस ने एक जैसी ही एफआईआर दर्ज की हुई है। एफआईआर के मुताबिक, संदिग्ध मोटरसाइकिल पर जा रहे थे। एक पुलिस टीम ने चेकिंग के दौरान उन्हें रोकना चाहा, इसके बाद संदिग्धों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें संदिग्ध की मौत हो गई और उसका एक साथी भागने में सफल हो गया। पुलिस ने मुठभेड़ में बाइक और हथियार की बरामदगी दिखाई है। वहीं, इन मुठभेड़ों में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

एनकाउंटर की आयोग ने मांगी रिपोर्ट

खास बात है कि इन मुठभेड़ों में घायल पुलिसकर्मी अगले ही दिन डिस्चार्ज भी हो गए, साथ ही एनकाउंटर में मारे गए संदिग्धों के साथियों की अभी तक भी पहचान नहीं हो पायी है। उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इटावा और आजमगढ़ के जिलाधिकारियों से इन चारों एनकाउंटर की रिपोर्ट मांगी गई है।

एनकाउंटर में मारे गए लोग

जय हिंद यादव, 22 साल
पता- खिलवा गांव, आजमगढ़
हत्या जैसे 13 आपराधिक मामलों में नामजद

आरोपी पर 15000 रुपए का था इनाम

आरोपी के पिता का कहना है कि वह अपने बेटे जय हिंद यादव के साथ 3 अगस्त, 2017 को गांव से आजमगढ़ जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। तभी कुछ लोग सादे कपड़ों में आए और जयहिंद को जबरदस्ती गाड़ी में डालकर ले गए। कुछ घंटे के बाद उन्हें पता चला कि जय हिंद का पुलिस ने एनकाउंटर(encounter) कर दिया है। जय हिंद के पिता का कहना है कि जय हिंद को 21 गोलियां मारी गई थीं।

वहीं, आजमगढ़ के तरवा पुलिस थाने के वरिष्ठ अधिकारी इसे सही बता रहे हैं। उनका कहना है कि जय हिंद पिछले साल 10 मई को हुई एक लूट में मामले में वांछित था। जय हिंद के परिजनों ने एनकाउंटर(encounter) को फर्जी बताते हुए मामले की शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की है।

रामजी पासी, 33 साल
पता- जियापुर गांव, आजमगढ़
हत्या जैसे 10 आपराधिक मामलों में नामजद
आरोपी पर 12000 रुपए का था इनाम

रामजी पासी के बड़े भाई देवेश सरोज का कहना है कि रामजी पासी के राजनैतिक विरोधियों ने फर्जी एनकाउंटर(encounter) में उसकी हत्या की है। रामजी के भाई के अनुसार, 12 सितंबर को रामजी अपनी पत्नी के साथ रिश्तेदारों के घर गया था। 14 सितंबर को रामजी घर वापस लौटने के बाद अपने एक दोस्त से मिलने गया था, इसी दौरान पुलिस ने उसे एनकाउंटर(encounter) में ढेर कर दिया।

मुकेश कुमार राजभर, 23 साल
पता- मुतकल्ली गांव, आजमगढ़
हत्या, लूट जैसे 8 मामलों में नामजद
50000 का था इनाम

मुकेश के भाई का कहना है कि वह पिछले एक साल से कानपुर देहात के एक बिजनेसमैन के घर काम कर रहा था। मुकेश के एनकाउंटर(encounter) से पहले कुछ पुलिसकर्मी उनके घर आए थे और उसका पता लेकर गए थे। इसके बाद 26 जनवरी को मुकेश के परिजनों को पता चला कि उसका पुलिस ने एनकाउंटर(encounter) कर दिया है।

आदेश यादव उर्फ सुंदर, 23 साल
पता-भुता गांव, इटावा
अपहरण, हत्या जैसे 12 मामले दर्ज
12000 रुपए का था इनाम

आदेश का एनकाउंटर पिछले साल 18 सितंबर को किया गया था। पुलिस का कहना है कि उन्हें आदेश की सितंबर 2016 से तलाश थी।18 सितंबर को हुई मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया गया। बता दें कि आदेश का बड़ा भाई जेल में है और उसके पिता की भी पुलिस को तलाश है।

जनसत्ता

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