यूपी उपचुनाव: खाटी हिंदुत्व की ओर फिर से लौट रही भाजपा, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर भी होगा जोर
वाराणसीः यूपी में उपचुनाव की सरगर्मी तेज है. वहीं अयोध्या, काशी के बाद मथुरा भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे में शामिल है.इसी क्रम में मंगलवार को मथुरा से यूपी की सियासी तपिश बढ़ गई. मौका था, सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के मुलाकात का. संघ प्रमुख पहले से ही मथुरा में थे. इसी बीच सीएम योगी भी उनसे मिलने मथुरा पहुंचे. बताया जा रहा है कि बंद कमरे में दोनों की एक घण्टे से अधिक समय तक बातचीत हुई. इस वार्तालाप में किन मुद्दों पर चर्चा हुई, फिलहाल आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है.
सूत्रों की मानें तो, एक घण्टे से अधिक चली बातचीत में उपचुनाव में हिंदुत्व की धार को मजबूती देने पर चर्चा हुई. यह मीटिंग तब और खास हो गई, जब योगी आदित्यनाथ का बयान ‘बटेंगे तो कटेंगे’ काफी चर्चा में है. माना जा रहा है कि उपचुनाव में भाजपा संघ से पूरा सहयोग लेने के मूड में है. इसके साथ ही चुनाव में भाजपा खाटी हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर जोर दे सकती है.
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भाजपा और आरएसएस दोनों के एजेंडे में है काशी और मथुरा
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद आरएसएस काफी निराश हो गया था. इसी कारण से यूपी में अब उपचुनाव के समय भाजपा पूरी तरह से आरएसएस की शर्तों पर चलने को तैयार है. वैसे सीएम योगी भी स्वयं काशी और मथुरा में मंदिर के पक्ष में हैं. उन्होंने कई बार ज्ञानवापी में मंदिर के समर्थन में अपना बयान दिया था. वहीं आरएसएस के एजेंडे में भी काशी और मथुरा शामिल है. इससे कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा एक बार फिर से हिंदुत्व के मुद्दे के साथ अपना चुनाव प्रचार कर सकती है.