यूपी उपचुनाव: सपा के सीटों के ऐलान के बाद ही बदलेगी सियासी तस्वीर, कांग्रेस ने अजय राय को बुलाया दिल्ली
यूपी उपचुनाव: यूपी में आगामी उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में सीट बंटवारे को लेकर अभी भी खींचतान जारी है. ताजा अपडेट की बात करें तो, कांग्रेस का दबाव सपा पर कम नजर आ रहा है.वैसे पिछले कुछ वर्षों का रिकॉर्ड देखा जाए तो यूपी में कांग्रेस से ज्यादा सपा की मजबूती मानी जाती है. पिछले कुछ चुनाव नतीजों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी की ओबीसी वोटों में अच्छी पैठ है जिसके चलते इस चुनाव में सपा कांग्रेस पर हावी होती नजर आ रही है.
फूलपुर सीट को लेकर सपा कांग्रेस में बनी सहमति
सूत्रों की मानें तो उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर मंगलवार की देर रात तक अखिलेश यादव और राहुल गांधी की बैठक हुई. इसमें यूपी की फूलपुर सीट कांग्रेस को देने पर सहमति बनी. वहीं दूसरी ओर सपा की ओर से घोषित प्रत्याशी मुस्तफा सिद्दीकी फूलपुर से बुधवार को अपना नामांकन करने जा रहे हैं. मुस्तफा वर्ष 2022 में भी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी थे. वह लगभग 2200 वोटों से पराजित हुए थे. राजनीतिक गलियारों में अब चर्चा तेज हो गई है कि कांग्रेस के पाले में यह सीट जाने से मुस्तफा सिद्दीकी की दावेदारी कमजोर होती नजर आ रही है.
इससे पहले सपा ने गाज़ियाबाद और खैर की सीटें छोड़ने का ऐलान कर दिया था, अब फूलपुर की सीट भी कांग्रेस को मिलने की संभावना है. इसके बाद इन दोनों पार्टियों को आपसी विवाद सुलझता हुआ नजर आ रहा है.
अजय राय बुलाए गए दिल्ली
सूत्रों के मुताबिक, बुधवार दोपहर तक सपा कांग्रेस के लिए उपचुनाव में छोड़ी जाने वाली सभी सीटों की अधिकारिक घोषणा कर सकती है. इस कदम को इस होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है. माना जा रहा है कि सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद दूर होंगे और INDIA गठबंधन को मजबूती मिलेगी. इसी बीच कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को भी दिल्ली बुलाया है. हालांकि अजय राय ने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इंकार किया है.
सीट शेयरिंग पर होगी चर्चा
माना जा रहा है कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व उपचुनाव को लेकर अजय राय से मंत्रणा करेगा. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के साथ सीट शेयरिंग पर इस मीटिंग में चर्चा होगी. राजनीति के जानकर बताते हैं कि समजवादी पार्टी के सीट बंटवारे पर औपचारिक ऐलान के बाद ही कांग्रेस कोई ठोस कदम उठाएगी. माना तो यह भी जा रहा है कि यदि समाजवादी पार्टी के साथ सीटों पर तालमेल नहीं बैठा तो कांग्रेस सपा से किनारा भी कर सकती है.अब सपा और कांग्रेस के समर्थकों समेत सभी की नजरें समाजवादी पार्टी के ऐलान पर है कि वह कितने सीटें स्वयं रखती है और फिर कितनी सीटें कांग्रेस को देती है.