UP : ‘यश भारती’ पर अखिलेश सरकार से जवाब तलब

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने एक बार फिर राज्य सरकार को असहज स्थिति में डाल दिया है। निलंबित आई.पी.एस. अधिकारी अमिताभ ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने यश भारती पुरस्कार को लेकर अखिलेश सरकार से जवाब तलब किया है।

न्यायमूर्ति ए.पी. साही और न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी की दो सदस्यीय पीठ ने पुरस्कारों को लेकर राज्य सरकार को सवालों के घेरे में लिया। उन्होंने राज्य सरकार से पूछा कि ये पुरस्कार किस वित्तीय मद से दिए जा रहे हैं? इसके अलावा पुरस्कार देने की अहर्ता को लेकर भी सवाल उठाए।

उल्लेखनीय है कि अमिताभ ठाकुर ने यूपी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान यश भारती पुरस्कारों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि यश भारती पुरस्कार की सूची में कई नाम ऐसे हैं, जिनकी उपलब्धियों की जानकारी ढूंढ़ने से भी नहीं मिली।

उन्होंने कहा कि पुरस्कार की सूची में पहले 22 नाम थे, बाद में इन्हें चुपचाप बढ़ाकर 46 कर दिया गया। इस पर उन्होंने पुरस्कार मनमाने तरीके से दिए जाने की बात कही थी। इसके अलावा मुख्य सचिव आलोक रंजन की पत्नी सुरभि रंजन को पुरस्कार दिए जाने को उन्होंने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ बताया था।

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