डेटा चोरी की खबरों का UIDAI ने किया खंडन
एक अंग्रेजी अखबार द्वारा प्रकाशित आधार की सुरक्षा में चूक की खबर का खंडन करते हुए UIDAI ने किसी तरह के डेटा लीक की बात को नकारा है। अखबार की खबर में दावा किया गया था कि 500 रुपये में एक एजेंट ने 10 मिनट में अखबार के रिपोर्टर को आईडी और पासवर्ड देकर पोर्टल के जरिए किसी की भी पर्सनल जानकारी देखने की सुविधा दे दी। पर्सनल जानकारी में नाम, पता, पोस्टल कोड, फोटो, नंबर, ई-मेल आदि देखा जा सकता है।
UIDAI ने किया खबर का खंडन
UIDAI ने ट्वीट कर इस रिपोर्ट का खंडन किया है। अथॉरिटी का कहना है कि कुछ लोगों ने विशेष अधिकारियों को दी गई सुविधा का गलत फायदा उठाया है, जिसके जरिए किसी का आधार नंबर या एनरोलमेंट नंबर खो जाने पर उसकी जानकारी जुटाई जाती है। इससे केवल नाम और कुछ जानकारियां हासिल की जा सकती हैं, बायोमेट्रिक जानकारियां नहीं। इस सुविधा का इस्तेमाल करने वाले लोगों की भी जानकारी रखी जाती है और उनका पता लगाया जा सकता है। ऐसे में उसका गलत इस्तेमाल करने वालों का पता लगाना मुश्किल नहीं होगा।
There has not been any data breach of biometric database which remains fully safe & secure with highest encryption at UIDAI and mere display of demographic info cannot be misused without biometrics @thetribunechd @timesofindia @rsprasad @ceo_uidai @htTweets @ZeeNews @IndiaToday
— Aadhaar (@UIDAI) January 4, 2018
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‘डेटाबेस से कोई जानकारी लीक नहीं’
अथॉरिटी का कहना है कि उसने कानून की मदद ली है और मामले से जुड़े लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। यह भी कहा गया है कि बायोमेट्रिक डेटाबेस से किसी तरह की कोई जानकारी लीक नहीं हुई है। यह एकदम सुरक्षित है। अथॉरिटी का कहना है कि डेमॉग्राफिक जानकारी का इस्तेमाल बायोमेट्रिक के बिना नहीं किया जा सकता।
अंग्रेजी अखबार ने किया था ये दावा…
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक 500 रुपए के अलावा 300 रुपए और देने के बाद एजेंट ने रिपोर्टर को एक सॉफ्टवेयर भी दिया। इसके माध्यम से आधार नंबर देकर आधार कार्ड प्रिंट किया जा सकता है। UIDAI के एक अधिकारी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा में बड़ी चूक मानते हुए मामला बेंगलुरु में कंसल्टेंट के सामने भी उठाया था।
(साभार- नवभारत टाइम्स)